PM मोदी ने जो सलाह मुझे दी, उस पर उनको खुद अमल करना चाहिए: मनमोहन सिंह
कठुआ में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म और उन्नाव में बीजेपी के एक एमएलए पर किशोरी से कथित बलात्कार के मामले उजागर होने पर देश भर में रोष उत्पन्न हुआ. आखिरकार पीएम मोदी ने पिछले शुक्रवार को इन पर अपनी खामोशी तोड़ते हुए कहा कि ये घटनाएं शर्मनाक हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कठुआ और उन्नाव मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुरुआती चुप्पी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जो सलाह पीएम मोदी ने पहले मुझे दी थी, अब उनको खुद उस पर अमल करते हुए ऐसे मामलों में ज्यादा बोलना चाहिए. दरअसल कठुआ में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म और उन्नाव में बीजेपी के एक एमएलए पर किशोरी से कथित बलात्कार के मामले उजागर होने पर देश भर में रोष उत्पन्न हुआ. आखिरकार पीएम मोदी ने पिछले शुक्रवार को इन पर अपनी खामोशी तोड़ते हुए कहा कि ये घटनाएं शर्मनाक हैं. बेटियों को न्याय मिलेगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
इसी संदर्भ में द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल के अंतिम वर्षों में पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई नेता उन पर गंभीर मुद्दों पर चुप रहने का आरोप लगाते थे. ऐसे मौकों पर बीजेपी उनको 'मौन मोहन सिंह' कहकर तंज कसती थी. इस पर उनका कहना है कि इस तरह की टिप्पणियां उनको पूरी जिंदगी सुनने को मिलीं. उन्होंने इंटरव्यू में कहा ''लेकिन मुझे लगता है कि जो सलाह प्रधानंत्री पहले मुझे देते थे, उस पर अब खुद अमल करते हुए ज्यादा बोलना चाहिए. प्रेस रिपोर्टों से मुझे पता चलता था कि वह मेरे नहीं बोलने की आलोचना करते थे. मुझे लगता है कि उस सलाह पर अब खुद उनको अमल करना चहिए.'' हालांकि इसके साथ ही जोड़ा कि मुझे खुशी है कि आखिरकार पीएम मोदी इस मुद्दे पर बोले.
मनमोहन सिंह ने कहा कि कई गंभीर मुद्दों पर पहले पीएम मोदी की खामोशी से लोगों को यह सोचने का मौका मिला कि उनके कृत्यों के खिलाफ उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि जो अथॉरिटी में हैं, उनको वक्त रहते ही ऐसे मसलों पर बोलना चाहिए ताकि समर्थकों तक सही संदेश पहुंचे.'' 2012 में दिल्ली दुष्कर्म मामले के तत्काल बाद कांग्रेस पार्टी और सरकार ने बलात्कार से संबंधित कानूनों को सख्त करने के लिए जरूरी संशोधन किए.
कठुआ केस
जब मनमोहन सिंह से पूछा गया कि कठुआ रेप केस को क्या जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सही ढंग से हैंडल किया तो उन्होंने कहा, ''यदि शुरू से वह इस मामले को अपने हाथ में ले लेतीं तो वह इसको अधिक गंभीरता से हैंडल कर पातीं...'' इसके साथ ही कहा कि उनकी गठबंधन सहयोगी बीजेपी की तरफ से हो सकता है कि उन पर कुछ दबाव बनाया गया हो क्योंकि सरकार में शामिल बीजेपी के दो मंत्री रेप आरोपियों के समर्थन में दिखे थे. हालांकि बाद में उन दोनों मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बीजेपी शासित कई राज्यों में विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा, अल्पसंख्यकों और दलितों के उत्पीड़न जैसे मामलों में कानून और व्यवस्था का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि इन मसलों पर राज्य सरकारों ने आंखें मूंद ली हैं. उन्होंने कहा, ''लोग सरकार की अथॉरिटी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. वे सोचते हैं कि वे ऐसा करके बच सकेंगे...कानून और व्यवस्था राज्य सरकार का मामला है. केंद्र की बीजेपी सरकार को अपने राज्य सरकारों को यह निर्देश देना चाहिए कि कानून और व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए और अल्पसंख्यकों, दलितों एवं महिलाओं के साथ बेहतर बर्ताव किया जाए.''