Mann Ki Baat: विदेश में जाकर शादी करने वालों को PM मोदी की दो टूक, बताया- भारत का कैसे हो रहा घाटा
Mann Ki Baat Updates: विराट-अनुष्का और रणवीर-दीपिका जैसे तमाम सेलिब्रेटीज ने विदेश में जाकर शादी की. कई बड़े परिवारों में भी इसका चलन बढ़ रहा है. अब इस पर पीएम मोदी ने पूछा है कि विदेश में जाकर शादी करना जरूरी है क्या?
Mann Ki Baat 107th Episode: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज मन की बात (Mann Ki Baat) की. मन की बात कार्यक्रम का आज 107वां एपिसोड था. हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात कार्यक्रम ब्रॉडकास्ट होता है. पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियों, 26 नवंबर को हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं. आज के ही दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था. आतंकियों ने मुंबई को, पूरे देश को, थर्रा कर रख दिया था. लेकिन ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं. मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं. इस हमले में हमारे जो जांबांज वीरगति को प्राप्त हुए, देश आज उन्हें याद कर रहा है.
बाबासाहेब को किया याद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 26 नवंबर का आज का ये दिन एक और वजह से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था. मुझे याद है, जब साल 2015 में हम बाबा साहेब आंबेडकर की 125वीं जन्म जयंती मना रहे थे, उसी समय ये विचार आया था कि 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के तौर पर मनाया जाए. और तब से हर साल आज के इस दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं. मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं. और हम सब मिलकर के, नागरिकों के कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए, विकसित भारत के संकल्प को जरूर पूरा करेंगे.
विदेश जाकर शादी करने वालों से सवाल
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय उत्पादों के प्रति यह भावना केवल त्योहारों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. अभी शादियों का मौसम भी शुरू हो चुका है. कुछ व्यापार संगठनों का अनुमान है कि शादियों के इस सीजन में करीब 5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है. शादियों से जुड़ी खरीदारी में भी आप सभी भारत में बने उत्पादों को ही
महत्व दें. और हां, जब शादी की बात निकली है, तो एक बात मुझे लंबे अरसे से कभी-कभी बहुत पीड़ा देती है और मेरे मन की पीड़ा, मैं, मेरे परिवारजनों को नहीं कहूंगा तो किसको कहूंगा?
देश से बाहर शादी जरूरी है क्या?
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सोचिये, इन दिनों ये जो कुछ परिवारों में विदेशों में जाकर के शादी करने का जो एक नया ही वातावरण बनता जा रहा है. ये जरूरी है क्या? भारत की मिट्टी में, भारत के लोगों के बीच, अगर हम शादी ब्याह मनाएं, तो देश का पैसा, देश में रहेगा. देश के लोगों को आपकी शादी में कुछ-न-कुछ सेवा करने का अवसर मिलेगा, छोटे-छोटे गरीब लोग भी अपने बच्चों को आपकी शादी की बातें बताएंगे.
वोकल फॉर लोकल का रखें ध्यान
उन्होंने आगे कहा कि क्या आप वोकल फॉर लोकल के इस मिशन को विस्तार दे सकते हैं? क्यों न हम शादी ब्याह ऐसे समारोह अपने ही देश में करें? हो सकता है, आपको चाहिए वैसी व्यवस्था आज नहीं होगी लेकिन अगर हम इस प्रकार के आयोजन करेंगे तो व्यवस्थाएं भी विकसित होंगी. ये बहुत बड़े परिवारों से जुड़ा हुआ विषय है. मैं आशा करता हूं मेरी ये पीड़ा उन बड़े-बड़े परिवारों तक जरूर पहुंचेगी.
'जल सुरक्षा' पर कितना हुआ काम?
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी की बहुत बड़ी चुनौतियों में से एक है- 'जल सुरक्षा'. जल का संरक्षण करना, जीवन को बचाने से कम नहीं हैं. जब हम सामूहिकता की इस भावना से कोई काम करते हैं तो सफलता भी मिलती है. इसका एक उदाहरण देश के हर जिले में बन रहे 'अमृत सरोवर' भी है. ‘अमृत महोत्सव' के दौरान भारत ने जो 65 हजार से ज्यादा 'अमृत सरोवर' बनाए हैं, वो आने वाली पीढ़ियों को लाभ देंगे. अब हमारा ये भी दायित्व है कि जहां-जहां 'अमृत सरोवर' बने हैं, उनकी निरंतर देखभाल हो, वो जल संरक्षण के प्रमुख स्त्रोत बने रहें.
'स्वच्छ भारत' में भागीदारी की तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'स्वच्छ भारत' अब तो पूरे देश का प्रिय विषय बन गया है मेरा तो प्रिय विषय है ही है और जैसे मुझे इससे जुड़ी कोई खबर मिलती है, मेरा मन उस तरफ चला ही जाता है. और स्वाभाविक है, फिर तो उसको 'मन की बात' में जगह मिल ही जाती है. स्वच्छ भारत अभियान ने साफ-सफाई और सार्वजनिक स्वच्छता को लेकर लोगों की सोच बदल दी है. ये पहल आज राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन चुकी है, जिसने करोड़ों देशवासियों के जीवन को बेहतर बनाया है. इस अभियान ने अलग-अलग क्षेत्र के लोगों, विशेषकर युवाओं को सामूहिक भागीदारी के लिए भी प्रेरित किया है.