MEA reaction to OIC statement on Ram Navami Violence 2023: मुसलमानों का हितैषी बनने के नाम पर अक्सर धौंसपट्टी दिखाने वाले ओआईसी (OIC-Organisation Of Islamic Cooperation) को भारत उसी की भाषा में औकात दिखाने में लगा है. रामनवमी शोभायात्रा के दौरान देशभर में जुलूसों पर हुए हमले के बाद OIC ने घड़ियाली आंसू बहाए हैं और इस हिंसा को मुसलमानों के खिलाफ संगठित हमला करार कर कार्रवाई की मांग की है. भारत सरकार ने संगठन के बयान को गैर-जरूरी बताते हुए उसे कड़ी फटकार लगा दी है और उसे अपने काम से काम रखने की हिदायत दी है. 


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'मुस्लिमों को निशाना बनाया गया'


पिछले हफ्ते रामनवमी पर्व पर पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र में शोभायात्राओं पर हुए अटैक (Ram Navami Violence 2023) और उसके बाद भड़की हिंसा पर OIC ने मुसलमानों का ठेकेदार बनते हुए चिट्ठी जारी की है. OIC महासचिव की ओर से लिखी गई इस चिट्ठी में बिहार के बिहार के बिहारशरीफ इलाके में हुई हिंसा का जिक्र किया गया है. अपनी चिट्ठी में OIC महासचिव ने कहा कि अतिवादी हिंदुओं ने मदरसों को निशाना बनाया और उसकी लाइब्रेरी को आग के हवाले कर दिया. 



'भारत विरोधी एजेंडा सहन नहीं'


संगठन ने यह भी कहा कि रामनवमी शोभायात्रा के दौरान कई भारतीय राज्यों में हिंसा (Ram Navami Violence 2023) कर मुसलमानों को निशाना बनाया गया, जो बेहद चिंताजनक है. OIC के बयान पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि OIC के इस बयान की भारत कड़े शब्दों में निंदा करता है. यह उसकी (ओआईसी की) सांप्रदायिक मानसिकता और भारत विरोधी एजेंडे का एक ओर उदाहरण है, जिसे हर्गिज सहन नहीं किया जा सकता है.  



खुद को मुस्लिम हितों का ठेकेदार मानता है OIC 


OIC दुनिया के 57 मुस्लिम देशों का एक संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1969 में की गई थी. यह संगठन खुद को दुनियाभर के मुसलमानों का ठेकेदार मानता है और दुनिया में इस्लाम के प्रभाव का विस्तार करने का काम करता है. इस संगठन ने कट्टरपंथी जिहादी संगठनों की ओर से मजहब के नाम पर की जाने वाली हिंसा पर कभी मुंह नहीं खोला है और अगर कहीं पर दूसरे समुदायों की ओर से प्रतिक्रिया आती है तो तुरंत संबंधित देश पर दबाव बनाने में जुट जाता है.


ओआईसी को औकात दिखाने में जुटा भारत


भारत पिछले कई सालों से इस संगठन (OIC) को अपने व्यवहार में बदलाव की अपील करता आ रहा था लेकिन हालिया बरसों में भारत के रुख में इस संगठन के प्रति और कठोरता आ गई है और वह उसे अपनी औकात में रहने की ताकीद कर रहा है. 


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