Meghalaya Governor Satya Pal Malik retirement: राज्यपाल के पद पर रहते अपनी नियोक्ता मोदी सरकार के खिलाफ जुबानी जंग छेड़ने हुए मेघालय (Meghalaya) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) का कार्यकाल 3 अक्टूबर को खत्म हो जाएगा. उनके तीखे बयानों से नाराज सरकार ने उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं दिया है. इसके साथ ही नई व्यवस्था होने तक अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल बी. डी. मिश्रा को मेघालय के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया है. इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि मोदी सरकार अब मलिक को और भाव देने के मूड में नहीं है. 


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कल रिटायर हो जाएंगे सत्यपाल


राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के मुताबिक मेघालय (Meghalaya) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) सोमवार 3 अक्टूबर को अपने पद से सेवानिवृत हो जाएंगे. उसके बाद अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) (डॉ.) बी.डी. मिश्रा अपने मौजूदा कर्तव्यों के निर्वहन के साथ नई व्यवस्था होने तक मेघालय के राज्यपाल का भी अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे. 


मोदी सरकार ने वर्ष 2017 में किया था नियुक्त


बताते चलें कि मोदी सरकार ने वर्ष 2017 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. उसके बाद वर्ष 2019 में उन्हें जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया. उनके राज में ही मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए खत्म किया. जम्मू कश्मीर के अंतिम राज्यपाल बनने का अजीब रिकॉर्ड भी उनके ही नाम है. इसके बाद उन्हें गोवा का राज्यपाल बनाकर भेजा गया. गोवा ट्रांसफर होने के बाद मलिक (Satyapal Malik) मोदी सरकार के खिलाफ बोलने लगे लेकिन सरकार ने चुप्पी साधना बेहतर समझा.


सरकार के खिलाफ देते रहे विवादित बयान


इसके बाद सरकार ने उनका ट्रांसफर मेघालय कर दिया लेकिन विभिन्न मुद्दों पर अपने तीखे बयान देकर वे जब-तब सरकार के खिलाफ मुश्किलें खड़ी करते रहे. किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ कई ऐसे बयान दिए, जिससे वह विवादों में घिर गए. अपने बिरादरी प्रेम को दर्शाते हुए मलिक ने एक सम्मेलन में कहा, मैंने पीएम मोदी को समझाया है कि ये जाट हैं. एक बार जहां पर डेरा डालते हैं, वहां से बिना कुछ लिए हटते नहीं है. अगर इन पर सख्ती की तो बड़ा बवाल हो जाएगा. इसलिए कृषि कानून कानून वापस लेकर और जाटों को कुछ देकर वापस भेज देने में ही भलाई है.'


क्या फिर से सक्रिय राजनीति में लौटेंगे मलिक


सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) यहीं नहीं रुके. उन्होंने अपने एक बयान में दावा किया था कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए उनके सामने दो फाइलें आईं थीं. इन फाइलों पर साइन करने के बदले में उन्हें देश के एक प्रमुख व्यापारिक घराने और एक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि ने भारी रिश्वत देने की पेशकश की थी. इस आरोप के बाद सीबीआई ने 2 केस दर्ज किए थे. जिनकी अभी जांच चल रही है. हाल ही में सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सत्यपाल ने कहा है कि रिटायरमेंट के बाद वे किसी भी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे बल्कि किसानों के लिए काम करना जारी रखेंगे. 


(एजेंसी भाषा) 


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