BJP ने की महबूबा मुफ्ती को जेल भेजने की मांग और SSDF ने कहा, सीमाएं खोलकर भेजो पाकिस्तान
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अपने विवादित बयान को लेकर विवादों में घिरतीं नजर आ रही हैं. मुफ्ती द्वारा दिए बयान पर जम्मू में लोगों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. पीडीपी अध्यक्ष के खिलाफ लोग शनिवार (24 अक्टूबर) को जम्मू में सड़कों पर प्रदर्शन करते नजर आए
नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अपने विवादित बयान को लेकर विवादों में घिरतीं नजर आ रही हैं. मुफ्ती द्वारा दिए बयान पर जम्मू में लोगों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. पीडीपी अध्यक्ष के खिलाफ लोग शनिवार (24 अक्टूबर) को जम्मू में सड़कों पर प्रदर्शन करते नजर आए. जम्मू में शनिवार को शिवसेना डोगरा फ्रंट (Shiv Sena Dogra Front) के एक दर्जन कार्यकर्ताओं ने मुफ्ती के खिलाफ मोर्चा खोला.
मुफ्ती के खिलाफ तिरंगा झंडे लेकर निकाली गई रैली
एएसडीएफ ने महबूबा की झंडे वाली टिप्पणी का जवाब झंडे से ही दिया है. डोगरा फ्रंट के कार्यकर्ताओं ने झंडा रैली निकाली, जिसमें जम्मू के सैंकड़ों कार्यकर्ता हाथों में तिरंगा लेकर' झंडा ऊंचा रहे हमारा' का नारा लगाते दिखाई दिए. जम्मू में यह रैली SSDF के अध्यक्ष अशोक गुप्ता के नेतृत्व में निकाली गई. SSDF कार्यकर्ता जम्मू के रानी पार्क में एकत्रित हुए और तिरंगे को लेकर पूर्व सीएम मुफ्ती के खिलाफ झंडा ऊंचा रहे हमारा के जोर-शोर से नारे लगाए. इतना ही नहीं इन कार्यकर्ताओं ने मुफ्ती की तस्वीरें भी जलाईं.
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SSDF अध्यक्ष ने कहा, बर्दाश्त नहीं देश विरोधी बयान
अशोक गुप्ता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''हम महबूबा और अब्दुल्ला (नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला) जैसे कश्मीरी नेताओं के राष्ट्र विरोधी बयानों को सहन नहीं करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीमाएं खोल देनी चाहिए और उन्हें पाकिस्तान एवं चीन भेज देना चाहिए, क्योंकि भारत में उनकी कोई जगह नहीं है.'' उन्होंने आगे कहा, ''राष्ट्रीय ध्वज हमारा गौरव है और हमारे शहीदों की प्रतिष्ठा है. हमारे बीच ऐसे भी मुसलमान हैं, जिन्हें तिरंगे पर गर्व है.''
भाजपा ने की मुफ्ती को गिरफ्तार करने की मांग
वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर बीजेपी ने देशद्रोही (seditious) वाले विवादित बयान को लेकर मुफ्ती की गिरफ्तारी की मांग की है. गौरतलब है कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार (23 अक्टूबर) को कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है. महबूबा मुफ्ती के इस बयान पर सियासी बड़ा बवाल मचा हुआ है. उनके खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कोर्ट में तमाम लोगों ने याचिकाएं दायर की हैं. जम्मू सहित देश के तमाम हिस्सों में उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.
महबूबा मुफ्ती के खिलाफ राजद्रोह केस की मांग
जम्मू-कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा, "मैं लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती की देशद्रोही टिप्पणी का संज्ञान लें और उनके ऊपर राजद्रोह का केस चलाएं, उन्हें सलाखों के पीछे डाल दें." उन्होंने कहा, "हम अपने ध्वज, देश और मातृभूमि के लिए अपने खून की हर बूंद का बलिदान करेंगे. जम्मू-कश्मीर हमारे देश का एक अभिन्न अंग है, इसलिए वहां केवल एक ही झंडा फहराया जा सकता है और वह है राष्ट्रीय ध्वज."
14 माह बाद रिहा हईं हैं मुफ्ती और आते ही दिया विवादित बयान
पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद महबूबा मुफ्ती को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें 14 महीने बाद 13 अक्टूबर को रिहा किया गया है. हिरासत से रिहा होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महबूबा मुफ्ती ने टेबल पर रखे जम्मू कश्मीर के झंडे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब यह झंडा वापस आ जाएगा तो हम वह झंडा (तिरंगा) भी उठा लेंगे. जब तक हमें हमारा झंडा वापस नहीं मिल जाता, हम दूसरा कोई झंडा नहीं उठाएंगे.