दुर्लभ ब्लैक टाइगर्स की सफारी ओडिशा में खुलेगी, सीएम पटनायक ने किया ऐलान
Black Tiger: ओडिशा का सिमलीपाल टाइगर रिजर्व दुनिया का एकमात्र बाघ रिजर्व है जहां मेलेनिस्टिक बाघ हैं, इसके शरीर पर चौड़ी काली धारियां होती हैं. ये सामान्य बाघों की तुलना में मोटी होती हैं.
Melanistic Tiger: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हाल ही में घोषणा की है कि राज्य में काले बाघों की सफारी शुरू की जाएगी. यह सफारी अक्टूबर 2024 में शुरू होने की संभावना है. इस सफारी के लिए, राज्य के वन विभाग तीन काले बाघों और दो बाघिनों को कालाहांडी के नंदनकानन अभयारण्य से मयूरभंज के बंजर वन क्षेत्र में स्थानांतरित करेगा. नंदनकानन अभयारण्य में तीन काले बाघ और दो बाघिन हैं.
नवीन पटनायक ने कहा कि यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि ओडिशा मयूरभंज जिले में सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व के पास एक विशेष मेलानिस्टिक टाइगर सफारी स्थापित कर रहा है. पर्यटक और आगंतुक अब केवल ओडिशा में पाई जाने वाली दुर्लभ और राजसी प्रजातियों की एक झलक पा सकते हैं.
बिल्कुल जंगली बिल्लियों की तरह गहरा
ऐसे बाघों के शरीर पर कोट या धारियों का रंग एवं पैटर्न बिल्कुल जंगली बिल्लियों की तरह गहरा होता है जो ट्रांसमेम्ब्रेन एमिनोपेप्टिडेज़ क्यू (ताकपेप) (Transmembrane Aminopeptidase Q (Taqpep) जीन में एक उत्परिवर्तन के कारण दिखाई देता है. ऐसे बाघों में असामान्य रूप से गहरे या काले रंग के कोट को छद्म मेलेनिस्टिक या कृत्रिम रंग भी कहा जाता है. काले बाघ एक दुर्लभ प्रजाति हैं. दुनिया में इनकी संख्या केवल 50 से 100 के बीच है. ओडिशा में इनकी संख्या 5 है.
शरीर पर चौड़ी काली धारियां
बता दें कि ओडिशा का सिमलीपाल टाइगर रिजर्व दुनिया का एकमात्र बाघ निवास स्थान है जहां मेलेनिस्टिक बाघ रहते हैं, जिनके शरीर पर चौड़ी काली धारियां होती हैं और सामान्य बाघों की तुलना में अधिक मोटी होती हैं, इतनी अधिक कि उनकी सांवली त्वचा का रंग मुश्किल से दिखाई देता है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुशांत नंदा ने कहा कि सफारी अपनी तरह की अनूठी सुविधा होगी. नंदा ने कहा कि मेलानिस्टिक टाइगर सफारी सिमिलिपाल के पास लगभग 200 हेक्टेयर (2 वर्ग किमी) में बनेगी, जिसके लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने इस संबंध में आवश्यक मंजूरी दे दी है.