नई दिल्ली: मोदी सरकार (Narendra Modi government) ने देश के 50 करोड़ मजदूरों और कामकाजी लोगों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. 44 श्रम कानूनों (Labour Laws) को बदलकर अब सिर्फ 4 कानून बनाए गए हैं. इसके अलावा, सरकार ने 12 कानूनों को रद्द करते हुए पुराने 44 में से 3 कानूनों को नए श्रम कोड में शामिल किया है.  


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इतना ही नहीं न्यूनतम वेतन भी राष्ट्रीय स्तर पर तय किया जायेगा. आज इसे लेकर लोकसभा में चर्चा की हो सकती है.  सरकार के इस कदम से मजदूरों और कामकाजी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. वेतन को लेकर अक्सर लोगों को कई तरह की विसंगतियों का सामना करना पड़ता है.


क्या है कानून में
कानून के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम वेतन तय किया जाएगा, राष्ट्रीय फ्लोर लेवल का वेतन मिलेगा. इसके अलावा, भारत सरकार एक परिषद का गठन करेगी, जो प्रतिवर्ष न्यूनतम सैलरी का आकलन करेगा. वेतन का निर्धारण भौगोलिक स्थिति और स्किल के आधार पर होगा.
सूत्रों के मुताबिक, 15 हजार रुपये न्यूनतम वेतन फिक्स किये जाने की संभावना है. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला कमेटी करेगी. खास बात यह है कि कंपनियों को वेतन समय पर देना होगा. महीने की 7-10 तारीख तक कर्मचारी को वेतन हर हाल में देना होगा.


महिलाओं को भी सौगात
मोदी सरकार ने महिलाओं को भी सौगात देने की तैयारी कर ली है. कानून में पुरुष और महिला को समान वेतन की बात कही गई है. महिलाओं की अक्सर यह शिकायत रहती है कि समान काम के लिए भी उन्हें पुरुषों से कम वेतन मिलता है. ऐसे में सरकार का यह कदम उनके चेहरे पर मुस्कान जरूर लेकर आएगा. सीधे शब्दों में कहें तो कई दशक से चली आ रही मजदूरों-कामगारों के शोषण को सरकार ने खत्म करने का फैसला लिया है.