आज राज्यसभा में पेश होंगे किसानों से जुड़े तीन बिल, सरकार ने बनाई ये खास रणनीति
किसानों के लिए लाए जा रहे तीन कृषि विधेयकों को लेकर आज सड़क से संसद तक विरोध प्रदर्शनों के आसार हैं. इन विधेयकों को लेकर विपक्ष के तेवर तो गरम हैं ही, NDA की सहयोगी अकाली दल के सुर भी बागी हो गए हैं, लेकिन तमाम विरोधों के बीच सरकार इन विधेयकों को आज राज्य सभा में पेश करेगी.
नई दिल्ली: किसानों के लिए लाए जा रहे तीन कृषि विधेयकों को लेकर आज सड़क से संसद तक विरोध प्रदर्शनों के आसार हैं. इन विधेयकों को लेकर विपक्ष के तेवर तो गरम हैं ही, NDA की सहयोगी अकाली दल के सुर भी बागी हो गए हैं, लेकिन तमाम विरोधों के बीच सरकार इन विधेयकों को आज राज्य सभा में पेश करेगी. सरकार को भरोसा है कि वो इन विधेयकों को राज्य सभा से पास करा लेगी. सबसे पहले आपको बताते हैं कि आज वो कौन से तीन बिल हैं जिसे राज्य सभा में सरकार पेश करेगी और जिसे लेकर इतना बवाल मचा हुआ है.
विपक्ष के विरोध का कारण बने ये बिल हैं
नंबर 1. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल
नंबर 2. मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (संरक्षण एवं सशक्तिकरण बिल)
नंबर 3. आवश्यक वस्तु संशोधन बिल
अब हम आपको बताते हैं कि सरकार को क्यों भरोसा है कि अकाली दल के विरोध के बावजूद राज्य सभा में वो इन तीनों विधेयकों को पास करा लेगी.
ये है राज्य सभा में सरकार का दावा
245 सदस्यों वाले राज्यसभा में बीजेपी की अगुवाई वाले NDA के पास स्पष्ट बहुमत नहीं है, लेकिन कई क्षेत्रीय पार्टियों ने पिछले कई सेशन में सरकार का साथ दिया है. राज्य सभा में अभी बहुमत का आंकड़ा 122 है. बीजेपी का दावा है कि उसके साथ 130 सांसद हैं.
बीजेपी को AIADMK के 9 सांसदों, टीआरएस के 7, वाईएसआर कांग्रेस के 6, शिवसेना के 3, बीजू जनता दल के 9 और टीडीपी के 1 सांसद से समर्थन का भरोसा है. राज्य सभा में बीजेपी 86 सांसद हैं. राज्यसभा में भले सरकार के पास बहुमत नहीं लेकिन विपक्ष में भी एकजुटता की कमी है, जिसका फायदा सरकार को मिल सकता है.
कुछ छोटे दलों ने अपने पत्ते अबतक नहीं खोलें हैं. इन पार्टियों के राज्यसभा में करीब दर्जनभर सांसद हैं. सरकार की कोशिश होगी कि इन्हें अपने समर्थन में लाया जाए. 15 अन्य सांसद पहले से ही सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. 10 सांसद पिछलें हफ्ते से कोरोना पॉजिटिव हैं. विपक्ष की ओर से कांग्रेस के राज्य सभा में 40 सांसद हैं, जाहिर है अकाली दल के 3 सांसद भी अब इस विधेयक के विरोध में ही वोट करेंगे.
कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दलों ने इन विधेयकों (Agriculture Bills) को किसान विरोधी करार दिया है. पंजाब और हरियाणा के किसान इन बिलों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार में अकाली दल के कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को इन बिलों को लेकर पद से इस्तीफा दे दिया. आज जब राज्य सभा में इस बिल को पेश किया जाएगा तो सड़क पर भी विरोध प्रदर्शन होने के पूरे आसार हैं, जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने तमाम इंतजाम किए हैं.
कृषि विधेयकों के खिलाफ प्रदर्शन
कृषि विधेयकों के विरोध में 25 सितंबर को होने वाले पंजाब बंद के लिए 31 किसान संगठन एकजुट हुए हैं, किसान मजदूर संघर्ष समिति ने पहले ही 24 से 26 सितंबर के बीच रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया हुआ है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कीर्ति किसान यूनियन, भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां), भाकियू (दोआबा), भाकियू (लाखोवाल) और भाकियू (कादियां) आदि संगठन शामिल हो रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि 25 सितंबर को बंद के दौरान सभी मंडियां, बाजार, ट्रक और बस सुबह 4 से शाम 4 बजे तक नहीं चलने दी जाएंगी. 20 से 25 सितंबर तक कई जिलों में विधेयकों की कापियां रोज जलाई जाएंगी. रेल रोको आंदोलन के लिए किसान संगठन हिमाचल, हरियाणा, जेएंडके, राजस्थान, मध्यप्रदेश और यूपी के किसानों से भी संपर्क कर रहे हैं.
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