सूरत की एक अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ (Modi surname remark) को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को दो साल कारावास की सजा सुनाई है. राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में गुरुवार को कोर्ट ने सजा का ऐलान किया है. हालांकि, राहुल गांधी को कोर्ट से तुरंत जमानत मिल गई और कोर्ट ने उनकी सजा पर 30 दिन के लिए रोक भी लगा दी. इन 30 दिनों में वो ऊपरी अदालत में फैसले को चुनौती दे सकते हैं. सुनवाई के दौरान राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद थे. राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘ मेरा धर्म सत्य, अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे हासिल करने का जरिया.'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

किसकी याचिका पर राहुल को मिली सजा?
दरअसल, साल 2019 में कर्नाटक के कोलार में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, ‘सभी चोरों का समान सरनेम मोदी ही कैसे होता है?’ उनकी इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी (BJP MLA Puransh Modi) ने कोर्ट में याचिका दाखिल की. 


साल 2000-05 के दौरान पूर्णेश भारतीय जनता पार्टी की तरफ से निगम के सदन में सत्तापक्ष के नेता थे. इसके बाद वो सूरत में बीजेपी के सीटी प्रेसिडेंट भी रहे.


बीजेपी पूर्णेश मोदी सूरत में रहते हैं. साल 2013 में उन्हें पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने टिकट तब थमाया जब तत्कालीन विधायक किशोर भाई का निधन हो गया था. इसके बाद उन्होंने उपचुनाव में जमकर मेहनत की और चुनाव में जीत हासिल की. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने भारी मतों से विजय प्राप्त की. इसके बाद उन्हें राज्य सरकार की कई समितियों में भी शामिल किया गया. जहां रहते हुए उन्होंने नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाई.


राहुल गांधी ने 2019 में जब ये बयान दिया तो इसे पूरे मोदी समाज का अपमान बताकर पूर्णेश ने केस फाइल करवाया था.


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे