Netaji Subhash Chandra Bose: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को दावा किया कि उनके संगठन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का एक लक्ष्य एक ही है. भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब यह बहस जारी है कि आरएसएस और सुभाष चंद्र बोस की विचारधारा एक नहीं है. आलोचकों का कहना है कि नेताजी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे, जो कि ‘ आरएसएस की हिंदुत्व विचारधारा के विपरीत है।’


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भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान की सराहना करते हुए भागवत ने सभी से बोस के गुणों व शिक्षाओं को आत्मसात करने और देश को ‘विश्व गुरु’ बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया. भागवत सोमवार को कोलकाता में शहीद मीनार के सामने नेताजी की 126वीं जयंती पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे.


रास्ते अलग-अलग पर मंजिल एक
भागवत ने कहा कि स्थिति और रास्ते अलग हो सकते हैं, लेकिन मंजिल एक ही है. उन्होंने कहा, ‘सुभाष बाबू (नेताजी) पहले कांग्रेस से जुड़े थे और उन्होंने ‘सत्याग्रह’ तथा ‘आंदोलन’ के मार्ग का अनुसरण किया, लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि यह काफी नहीं है और स्वतंत्रता के लिए लड़ने की जरूरत है तो उन्होंने इसके लिए काम किया. रास्ते अलग-अलग हैं लेकिन लक्ष्य एक हैं.’


जो उनके लक्ष्य थे, वही हमारे भी लक्ष्य
आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘अनुसरण करने के लिए सुभाष बाबू के आदर्श हमारे सामने मौजूद हैं. उनके जो लक्ष्य थे, वही हमारे भी लक्ष्य हैं... .’ उन्होंने कहा कि नेताजी ने कहा था कि भारत को दुनिया के लिए काम करना चाहिए और ‘हमें यही लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करना है.’


(इनपुट - भाषा)


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