लंदन: भारत सरकार ने बुधवार को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ धोखधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में यहां की एक अदालत में सबूतों के तौर पर और दस्तावेज जमा किए. नीरव लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है. डिस्ट्रिक्ट जज सैमुअल गूजी ने दस्तावेज देरी से जमा किए जाने पर चिंता जताई लेकिन उन्हें जमा करने के आवेदन पर विचार करने के लिए सहमति जता दी.


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इन दस्तावेजों में अधिकतर हीरा कारोबारी की कंपनियों से जुड़े बैंक दस्तावेज हैं. उन्होंने कहा, "मुझे इस बारे में पूरी तरह उचित स्पष्टीकरण चाहिए कि पहले इन्हें साक्ष्यों के तौर पर क्यों नहीं पेश किया गया." 


भारतीय अधिकारियों की तरफ से अदालत में पक्ष रखते हुए क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा कि न्यायाधीश के लिए नए सबूत देखना जरूरी नहीं है लेकिन दस्तावेज मामले को स्पष्ट करने में मदद करते हैं और नीरव मोदी के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी के आरोपों में पहले कही गई बात का समर्थन करते हैं. हालांकि, नीरव के बचाव दल ने दस्तावेज देरी से जमा किए जाने पर आपत्ति जताते हुए इसे बहुत परेशानी वाला और अत्यंत विवादास्पद कदम करार दिया.