Attack on Minorities: अल्पसंख्यकों पर बीते सालों में कितने हमले हुए? सरकार ने संसद में दी ये जानकारी
Modi Government: सरकार के पास अल्पसंख्यकों पर हमले का कोई डाटा नहीं है. ये जानकारी राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सामने आई.
Monsoon Session: केंद्र की मोदी सरकार के पास अल्पसंख्यकों पर हमले का कोई डाटा नहीं है. ये जानकारी राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सामने आई. अल्पसंख्यक मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि किसी की राज्य की विधि-व्यवस्था और उसे जुड़े मामलों का रिकॉर्ड रखना राज्य सरकार का जिम्मा होता है. साथ ही किसी खास समुदाय के लोगों पर हमले का आंकड़ा केंद्र के द्वारा विशेष रूप से मेंनटेन नहीं किया जाता है. ये राज्य सरकार का काम है.
सांसद अब्दुल वहाब ने पूछा था सवाल
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राज्यसभा सांसद अब्दुल वहाब ने पूछा था कि क्या बीते कुछ सालों में अल्पसंख्यक सुमदाय के लोगों पर हमले की घटना बढ़ गई है? अगर ऐसा है तो केंद्र सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए क्या किया गया है?
केरल से राज्यसभा सांसद ने पूछा कि क्या केंद्र के पास ऐसा कोई डाटा है, जिससे अल्पसंख्यकों और उनसे जुड़े संस्थानों पर हुए हमले की घटनाओं का पता चल सके. अगर ऐसा है तो केंद्र उसे पेश करे.
इस सवाल के लिखित उत्तर में स्मृति ईरानी ने कहा कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूचि के अनुसार पब्लिक ऑडर और पुलिस राज्य के विषय हैं. ऐसे में कानून और व्यवस्था बनाए रखना, अल्पसंख्यकों सहित सभी नागरिकों के खिलाफ अपराधों के पंजीकरण और अभियोजन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है. इसलिए, अलग-अलग समुदाय के खिलाफ हमलों के संबंध में विशिष्ट डेटा केंद्रीय स्तर पर नहीं रखा जाता है.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने देश में सांप्रादायिक सौहाद्र और शांति बनी रहे इस बाबत सुसंगत एडवाइजरी जारी की है. साथ ही सरकार ये मॉनिटर भी करती है कि समाज में शांति व्यवस्था स्थापित रहे. उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को राज्यों में तैनात किया जाता है. ताकि वे स्थानीय पुलिस की मदद कर सकें.
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