Nobel Prize 2023: रसायन विज्ञान के क्षेत्र में बेहतरीन शोध के लिए साल 2023 का नोबेल पुरस्कार मौंगी जी बावेंडी, लुईस ई ब्रूस और एलेक्सी आई एकिमोव को दिया गया है. आपको बता दें कि वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार 'क्वांटम डॉट्स की खोज और उसके सिंथेसिस के लिए' दिया गया है. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज (The Royal Swedish Academy of Sciences) के मुताबिक केमेस्ट्री में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) विजेता (2023) इतने छोटे कण बनाने में सफल रहे हैं कि उनके गुण क्वांटम घटना से निर्धारित होते हैं. इन्हीं कणों को क्वांटम डॉट्स कहा जाता है जो नैनोटेक्नोलॉजी की दुनिया में बहुत महत्वपूर्ण हैं.


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इन क्षेत्रों में पहले ही मिल गया नोबल प्राइज


गौरतलब है कि रसायन विज्ञान के क्षेत्र में दिया गया यह नोबेल पुरस्कार इस सप्ताह का तीसरा पुरस्कार है. इससे पहले फ्रांस के पियरे एगोस्टिनी, हंगेरियन-ऑस्ट्रियाई फेरेंक क्रॉस्ज और फ्रेंको-स्वीडन ऐनी एल'हुइलियर (Pierre Agostini, Ferenc Krausz and Anne L'Huillier) ने फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार (Physics Noble Prize 2023) जीता था जिसका ऐलान मंगलवार को किया गया था. फिजिक्स से पहले हंगरी की वैज्ञानिक कैटालिन कारिको और उनके अमेरिकी सहयोगी ड्रू वीसमैन को मेडिसिन के लिए नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize for Medicine) से सम्मानित किया गया था.


क्यों दिया जाता है नोबल पुरस्कार?


आपको बता दें कि हर साल दिया जाने वाला नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल (Alfred Nobel) की याद में दिया जाता है जिसे दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार (World's Biggest Award) माना जाता है. अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी वसीयत में कहा था कि उनकी जायदाद का इस्तेमाल उन लोगों का सम्मान करने के लिए किया जाए जिन्होंने मानव जाति के बेहतरी के लिए सबसे बड़ा योगदान दिया है. गौरतलब है कि पिछले साल केमेस्ट्री का नोबल प्राइज क्लिक और बायोऑर्थोगोनल के डेवलपमेंट के लिए कैरोलिन आर बर्टोजजी, मोर्टन मेल्डल और के बैरी शार्पलेस को दिया गया था. बता दें कि साहित्य, शांति और अर्थ शास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नामों का खुलासा अब तक नहीं किया गया है.