MP New CM: तीन बार के विधायक, पिछड़ा चेहरा और संघ का हाथ... जानिए कौन हैं MP के नए CM मोहन यादव
Who is Mohan Yadav: मध्य प्रदेश में नए सीएम घोषित किए गए मोहन यादव हिंदुत्वादी नेता के रूप में चर्चित हैं. वे लगातार 3 बार से उज्जैन दक्षिण से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं.
Madhya Pradesh New CM: मध्य प्रदेश में सीएम के नाम पर पिछले 4 दिनों से चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया है. बीजेपी ने उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव को राज्य का नया सीएम चुना है. वे पिछड़े वर्ग से आते हैं और शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वे तेजतर्रार और हिंदूवादी छवि के नेता हैं. वे पिछले 3 बार से लगातार विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं.
पहली बार 2013 में बने थे विधायक
मोहन यादव (Mohan Yadav) वर्ष 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से एमएलए बने थे. इसके बाद वर्ष 2018 में वे एक बार फिर विधायक बनने में कामयाब रहे. तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार में वर्ष 2020 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. वे इस बार लगातार तीसरी बार इसी सीट से चुनाव जीते हैं और पार्टी ने उन्हें सीएम बनाकर बड़ा सरप्राइज गिफ्ट दे दिया है.
सबसे ज्यादा पढ़े लिखे नेताओं में से एक
राज्य की कमान संभालने वाले मोहन यादव (Mohan Yadav) प्रदेश में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे नेताओं में से एक हैं. उन्होंने बीएससी, एलएलबी और एमए राजनीतिक विज्ञान की डिग्री ले रखी है. इसके साथ ही बिजनेस मैनेजमेंट में एमबीए और पीएचडी के डिग्री होल्डर भी हैं. चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी आजीविका का साधन खेती और बिजनेस को बताया था. उनके परिवार में पत्नी सीमा यादव, 2 पुत्र और एक पुत्री हैं.
आरएसएस से पुराना नाता
मध्य प्रदेश के नए सीएम बनाए गए मोहन यादव (Mohan Yadav) का आरएसएस से पुराना नाता रहा है. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 1982 में आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी से की थी. वे एबीवीपी से जुड़े और माधव विज्ञान यूनिवर्सिटी छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए. इसके बाद वे तरक्की करते हुए एबीवीपी के प्रदेश महामंत्री बने. फिर वे बीजेपी में आए और वर्ष 2004 में पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने.
इस बार 12 हजार वोटों से जीत
मोहन यादव (Mohan Yadav) ने इस बार भी अपनी पारंपरिक उज्जैन दक्षिण सीट से असेंबली का चुनाव लड़ा था. शुरुआती 2 राउंड तक वे कांग्रेस के उम्मीदवार चेतन यादव से पीछे रहे. हालांकि इसके बाद उन्होंने बढ़त बनानी शुरू कर दी, जो आखिर तक टूट नहीं पाई. मोहन यादव इस चुनाव में 12 हजार 941 वोटों से जीते.