MQ-9B Predator Drone: अमेरिका से लीज पर लिए गए MQ-9B Predator ड्रोन के बंगाल की खाड़ी में क्रैश होने के बाद इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. अब अमेरिकी कंपनी ने इसे बदलने की बात कही है. अमेरिकी कंपनी MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन की जगह नए ड्रोन को इंडियन नेवी के लिए भेजने की तैयारी कर रही है. अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन को जल्द ही बदलने की बात कही है.


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अमेरिकी कंपनी ने कहा है कि MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन को जल्द बदला जाएगा जिससे इंडियन नेवी की निगरानी मिशनों के लिए जरूरतों को पूरा किया जा सके. दोनों पक्षों के बीच हुए करार के अनुसार इंडियन नेवी को हर महीने निर्धारित घंटे उड़ान भरनी होती है. इसलिए क्रैश्ड ड्रोन को बदलना जरूरी है ताकि अनुबंध की शर्तों को पूरा किया जा सके.


इंडियन नेवी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को उस ड्रोन के क्रैश होने की जानकारी दी, जो बुधवार को चेन्नई के पास गिरा था. बता दें कि इंडियन नेवी ने 2020 में गलवान संघर्ष के बाद अमेरिकी कंपनी के साथ एक लीज अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. इस अनुबंध के तहत अमेरिकी ड्रोन पायलट भारतीय नौसेना के एक बेस से ड्रोन उड़ाते हैं, जो चेन्नई के निकट स्थित है.


भारतीय नौसेना ने भारतीय महासागर क्षेत्र में चीनी सैन्य और खुफिया जहाजों की निगरानी के लिए इस ड्रोन का इस्तेमाल किया है. साथ ही समुद्री डाकुओं और अन्य तत्वों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जा रहा है. ड्रोन के क्रैश होने के बाद इंडियन नेवी ने मूल उपकरण निर्माता (OEM) से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.


इंडियन नेवी द्वारा अमेरिका से लीज पर लिया गया एमक्यू-9बी सी गार्जियन ड्रोन बुधवार को तकनीकी खराबी के कारण चेन्नई के पास बंगाल की खाड़ी में गिर गया. नौसेना ने बताया कि ड्रोन चेन्नई के पास अरक्कोणम में नौसेना के हवाई अड्डे आईएनएस राजाली से उड़ान भर रहा था.