Humayun and Hamida Bano Love Story: अपनी तलवार की ताकत के बल पर भारत पर करीब 300 साल तक राज करने वाले मुगलों ने देश की सनातन सभ्यता को जो नुकसान पहुंचाया, उसकी भरपाई होना बेहद मुश्किल है. इसी मुगल वंश में एक बादशाह ऐसा भी रहा, जो जिंदगी भर दर-दर भटकता रहा और उसी माहौल में मर गया. यह बादशाह और कोई नहीं बल्कि भारत में मुगल वंश का राज स्थापित करने वाले बाबर का बेटा हुमायूं था. अपने पूर्वजों की तरह उसे भी हरम में कई-कई महिलाएं रखने का शौक था. एक बार उसका दिल एक नाबालिग लड़की पर आ गया, जिसके चक्कर में वह सब कुछ भुला बैठा. 


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14 साल की लड़की पर आया हुमायूं का दिल


इतिहासकारों के मुताबिक हुमायूं (Humayun) को वर्ष 1539 में हुए चौसा के युद्ध में अफगान शासक शेरशाह सूरी ने बुरी तरह हरा दिया था. इसके साथ ही उसका भारत पर से राज खत्म हो गया. इसके बाद वह अपनी जान बचाने के लिए सौतेले भाई हिंदाल के पास पहुंचा. हिंदाल के हरम में कई खूबसूरत महिलाएं मौजूद थी. एक दिन 33 वर्षीय हुमायूं ने हिंदाल के हरम में 14 साल की हमीदा बानो (Hamida Bano) को देखा. वह गजब की खूबसूरत लड़की थी. देखते ही हुमायूं उस पर लट्टू हो गया और उसे अपना बनाने की ठान ली. 


हमीदा बानो के परिवार वालों से गांठी दोस्ती


हुमायूं (Humayun) ने एक दिन मौका देखकर हमीदा बानो (Hamida Bano) से उसका परिचय पूछा तो पता चला कि वह हिंदाल को तालीम देने वाले उस्ताद मीर बाबा दोस्त की बेटी है. हुमायूं ने हमीदा को अपना बनाने के लिए उसके परिवार वालों से दोस्ती गांठनी शुरू कर दी. लेकिन जब उसे इस काम में कामयाबी नहीं मिली तो वह अपनी सौतेली मां दिलदार बेगम से मिला. उस सौतेली मां को हुमायूं पसंद नहीं करता था लेकिन अपना काम निकलवाने के लिए उससे मुलाकात की.


सौतेली मां के जरिए भिजवाया पैगाम


हुमायूं (Humayun) ने दिलदार बेगम से अपने मन की बात बताते हुए हमीदा से निकाह की बात चलाने की गुजारिश की. पहले तो दिलदार बेगम चौंक गई. उसने हुमायूं की ज्यादा उम्र को देखते हुए ऐसा न करने के लिए समझाया. लेकिन जब हुमायूं नहीं माना तो उसने हमीदा को पैगाम भिजवाकर पूछा कि क्या वह हुमायूं को अपना शौहर बनाना चाहेगी. इस पर हमीदा बानो ने साफ इनकार कर दिया.


इनकार से तिलमिला उठा हुमायूं


यह बात जब हिंदाल को पता चली तो उसने भी हुमायूं (Humayun) को समझाया और कहा कि वह उसके उस्ताद की बेटी है, जिसे वह अपनी बहन की तरह मानता है. उसने हुमायूं से अपनी जिद छोड़ देने की बात कही. लेकिन हवस में अंधे हो चुके हुमायूं के लिए उनकी बात कोई मायने नहीं रख रही थी. हिंदुस्तान से भगा देने के बावजूद हुमायूं खुद को अब भी बादशाह समझ रहा था. हमीदा के इनकार से तिलमिलाए हुमायूं ने हमीदा बानो को अपना बनाने के लिए कुछ भी करने का ऐलान कर दिया. 


कभी मन से कबूल नहीं कर पाई हमीदा बानो


हुमायूं ने साफ कर दिया कि अगर हमीदा ने उसकी बात नहीं मानी तो उसके परिवार को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा. आखिरकार उसकी जिद के आगे हिंदाल को भी झुकना पड़ा. उसने अपने उस्ताद के जरिए हमीदा बानो (Hamida Bano) को निकाह को लिए राजी किया. इसके बाद हमीदा बानो ने निकाह के लिए हामी तो भर दी लेकिन शादी के बावजूद वह जिंदगीभर कभी हुमायूं (Humayun) को मन से स्वीकार नहीं कर पाई. 


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