Mumbai Boat Accident: `स्टंट कर रहा था नेवी ड्राइवर; किसी भी मुसाफिर को नहीं दी गई थी लाइफ जैकेट`
Mumbai Boat Accident: मुंबई नाव हादसे में बचाए गए मुसाफिरों की तरफ से कई तरह के दावे किए जा रहे हैं. एक मुसाफिर ने दावा किया है कि किसी भी यात्री को लाइफ जैकेट नहीं दी गई थी. वहीं दूसरे मुसाफिर ने दावा किया कि ड्राइवर स्टंट बाजी कर रहा था.
Mumbai Boat Accident: महाराष्ट्र में मुंबई तट के नजदीक बुधवार को नौसेना के एक पोत के एक नौका से टकराने क वजह से 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 99 अन्य लोगों को बचा लिया गया. नौसेना की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि नौसेना का पोत इंजन परीक्षण के लिए जा रहा था, लेकिन तभी शाम चार बजे इसने नियंत्रण खो दिया और करंजा के पास यह नीलकमल नामक नौका से टकरा गया. यह नौका यात्रियों को गेटवे ऑफ इंडिया से लोकप्रिय पर्यटन स्थल ‘एलीफेंटा’ द्वीप पर लेकर जा रही थी.
इस हादसे को लेकर अब एक यह जानकारी आ रही है कि नाव पर सवार यात्रियों को लाइफ जैकेट नहीं दी गई, जिसकी वजह से कम से कम 13 लोगों की दुखद मौत हो गई. भयावह हादसे को याद करते हुए, एक पीड़ित ने बाद में मीडिया को बताया कि नाव पर सवार किसी भी यात्री को लाइफ जैकेट नहीं दी गई थी. गाजीपुर निवासी गौतम गुप्ता ने बताया कि नाव पर किसी के पास लाइफ जैकेट नहीं थी. उन्होंने बताया कि टक्कर के बाद, हमने कई लोगों को पानी से बाहर निकाला और नाव पर चढ़ाया. गौतम गुप्ता के मुताबिक करीब 20 से 25 मिनट बाद नौसेना ने हमें बचाया, लेकिन तब तक हम अपनी मौसी को खो चुके थे.
एक अन्य यात्री ने नौसेना के नाव चालक पर समुद्र में स्टंट करने का संदेह भी है. पीड़ित ने बताया,'नौसेना की स्पीडबोट को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे कि स्टंट किया जा रहा हो. इससे मुझे संदेह हुआ और मैंने रिकॉर्डिंग शुरू कर दी. कुछ ही देर बाद नाव हमारी नौका से टकरा गई.' हालांकि, बाद में भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि वास्तव में जहाज इंजन परीक्षण से गुजर रहा था और खराबी की वजह से कंट्रोल खो बैठा. मृतकों में कम से कम एक नौसेना अधिकारी और मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) के दो कर्मचारी शामिल थे.
जानकारी के मुताबिक बचाव अभियान में चार हेलीकॉप्टर, 11 नौकाएं, तटरक्षक बल की एक नौका और समुद्री पुलिस की तीन नौकाओं की मदद ली गई.' बयान में कहा गया,'नौसेना और अन्य जहाजों की मदद से जीवित बचे लोगों को आसपास की जेटी पर पहुंचाया गया और फिर उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया.'