बेटे तबरेज की गिरफ्तारी पर बोले मुनव्वर राणा- मुसलमान होना ही सबसे बड़ा जुर्म
अपने बेटे तबरेज राणा की गिरफ्तारी पर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) ने कहा कि अगर यूपी पुलिस में दम है तो मेरा भी एनकाउंटर कर दे और मेरे बेटे की गिरफ्तारी हुई है तो सरकार को अब मुझे भी मंत्री बनाना चाहिए.
लखनऊ: अपने बेटे तबरेज राणा की गिरफ्तारी पर शायर मुनव्वर राणा (Munawwar Rana) का कहना है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त मुसलमान होना ही सबसे बड़ा जुर्म और बदकिस्मती से मैं भी मुसलमान हूं. उन्होंने फिर से यूपी सरकार पर तंज करते हुए कहा कि पुलिस को मेरा भी एनकाउंटर कर देना चाहिए.
'मेरा भी एनकाउंटर करे पुलिस'
तबरेज राणा (Tabrez Rana) को अपने चाचा को फर्जी फायरिंग केस (Fake Firing Case) में फंसाने के लिए रायबरेली पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी पर मुनव्वर राणा ने कहा कि अगर यूपी पुलिस में दम है तो मेरा भी एनकाउंटर कर दे और मेरे बेटे की गिरफ्तारी हुई है तो सरकार को अब मुझे भी मंत्री बनाना चाहिए.
यह पहला मौका नहीं है जब शायर राणा ने यूपी सरकार पर आरोप लगाए हैं. इससे पहले जब बेटे तबरेज की तलाश में पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा था तब भी उन्होंने ऐसा ही बयान दिया था. उन्होंने अपने बेटे के एनकाउंटर का शक भी जताया था और कहा था कि पुलिस इसे कानपुर का बिकरु कांड बनाने की कोशिश कर रही है. इन हालात में अगर मेरी मौत भी हो जाए तो इसके लिए पुलिस ही जिम्मेदार होगी.
तालिबान से वाल्मीकि की तुलना
मुनव्वर राणा पर भी पिछले दिनों महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबानी आतंकियों से करने पर धार्मिक भावना भड़काने को लेकर लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया गया था.
क्यों हुई बेटे की गिरफ्तारी?
तबरेज राणा को फर्जी फायरिंग केस में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें उन पर खुद के ऊपर गोलीबारी कराकर अपने चाचाओं को इस केस में फंसाने के आरोप हैं. रायबरेली में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. दरअसल, तबरेज तिलोई से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, इसलिये उन्होंने सुरक्षा और मीडिया में प्रचार पाने के लिए खुद पर हमले की प्लानिंग की थी.
ये भी पढ़ें: शायर मुनव्वर राणा का बेटा तबरेज लखनऊ से गिरफ्तार, ये हैं आरोप
शायर के बेटे ने रायबरेली में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 28 जून को हिंडोला रातापुर इलाके के पास एक पेट्रोल पंप पर मोटर साइकिल सवार दो लोगों ने उन पर हमला किया था. पुलिस के मुताबिक कि जब मामले को सुलझाने के लिए एक विशेष पुलिस बल का गठन किया गया और उसने घटनास्थल पर सीसीटीवी फुटेज मामले की जांच की थी तब तबरेज राणा के दावों की पोल खुल गई और फायरिंग फर्जी साबित हुई.