Nagaland-Central Government talks: अलगाववादी नगा समूहों के साथ पिछले कई वर्षों से जारी बातचीत का अभी तक कोई सफल नतीजा सामने नहीं आया है. इससे नगा समूहों के साथ ही वहां के राजनेताओं भी अधीरता बढ़ रही है. नगालैंड (Nagaland) के सीएम नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) के नेतृत्व में सोमवार को नगा समूहों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने उनसे नगालैंड के राजनीतिक मुद्दों को जल्द सुलझाने की मांग की. सरकार ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में बातचीत चल रही है. निकट भविष्य में इसका सकारात्मक हल निश्चित रूप से निकलेगा. 


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बातचीत पर सरकार ने जारी किया बयान


नगा समूहों के साथ बातचीत के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर बयान जारी कर मामले की जानकारी दी. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि पूर्वोत्तर को शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाया जाए. इसी उद्देश्य के साथ पूर्वोत्तर के विभिन्न अलगाववादी समूहों के साथ बातचीत की जा रही है. 


'नगा मुद्दा सुलझाना सरकार की प्राथमिकता में'


प्रवक्ता ने कहा कि नगालैंड (Nagaland) के सीएम नेफ्यू रियो के नेतृत्व में नगा समूहों ने गृह मंत्री के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की. बैठक में प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया गया कि नगा मुद्दों को सुलझाना सरकार की प्राथमिकता में है और इसके लिए कई सालों से सरकार की नगा संगठनों के साथ बातचीत चल रही है. सरकार का प्रयास रहा है कि नागा वार्ता में शामिल कई जटिल मुद्दों को इस तरह से सुलझाया जाए कि वार्ता के समापन पर सभी को संतुष्टि हो. चूंकि बातचीत अभी भी जारी है, इसलिए वार्ता के दौरान विभिन्न मुद्दों के संभावित समाधान पर कोई रिपोर्ट केवल अटकलबाजी होगी.


पिछले कई साल से चल रही है बातचीत


बताते चलें कि भारत सरकार की नगालैंड (Nagaland) के सबसे बड़े विद्रोही संगठन NSCN(IM) के नेताओं के साथ पिछले कई सालों से बातचीत चल रही है. वहीं  NSCN (खपलांग गुट) इस बातचीत के खिलाफ है. सरकार और NSCN(IM) के बीच हुई बातचीत में अधिकतर मुद्दों पर सहमति बन गई है. लेकिन अपना अपना अलग झंडा, संविधान और ग्रेटर नागालिम जैसे मुद्दों की वजह से कोई समझौता नहीं हो पा रहा है. 


इन मांगों पर अटका है मामला


सूत्रों के मुताबिक सरकार ने नगा समूहों को स्पष्ट कर रखा है कि यह मांग देश की अस्मिता के खिलाफ हैं, जिसे किसी भी सूरत में माना नहीं जा सकता है. वहीं नगा संगठन इन तीनों मुद्दों पर अड़े हुए हैं. सरकार लगातार नगा संगठनों को समझाने में लगी है कि राज्य के तौर पर उनके किसी भी अधिकार में कटौती नहीं होगी लेकिन उसे अलग झंडे और संविधान की इजाजत नहीं दी जा सकती.



(एजेंसी इनपुट आईएएनएस)


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