जम्मू : जम्मू क्षेत्र में मंगलवार को दो बड़ी आतंकी घटनाओं में एक मेजर सहित सेना के सात जवान शहीद हुए, जबकि बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक सहित आठ सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। हालांकि अलग-अलग मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने भारी हथियारों से लैस छह आतंकवादियों को मार गिराया। पहली घटना में भारी हथियारों से लैस पुलिस की वर्दी पहने आतंकवादियों के एक समूह ने नगरोटा में सैन्य शिविर पर हमला कर दिया, जिसके बाद सुरक्षा बलों के साथ शुरू हुई भीषण मुठभेड़ घंटों जारी रही। नगरोटा सैन्य शिविर जम्मू शहर के बाहरी हिस्से में स्थित कोर के मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर है।


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सेना के प्रवक्ता ने कहा, मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मार गिराए जाने से पहले दो अधिकारियों सहित सात सैनिक हमले में शहीद हो गए। यहां बंधकों जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी थी, लेकिन सेना ने वहां फंसे सभी 12 सैनिकों, दो महिलाओं और दो बच्चों को सुरक्षित मुक्त करा लिया। वहां साम्बा के पास रामगढ़ में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास घंटों चली मुठभेड़ में बीएसएफ ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया। मुठभेड़ के बाद इस क्षेत्र में पाकिस्तानी सेनाओं ने जबरदस्त गोलीबारी भी की। इस घटना में बीएसएफ के उपमहानिरीक्षक सहित चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।


जम्मू में दोनों आतंकी हमले ऐसे दिन हुए हैं जब पड़ोसी देश पाकिस्तान में वहां के नवनियुक्त सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कमान संभाली है। नगरोटा हमले की जानकारी देते हुए सेना के प्रवक्ता ने कहा कि आज तड़के भारी हथियारों से लैस और पुलिस की वर्दी पहने आतंकवादियों ने कोर के मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित सेना की ईकाई को निशाना बनाया। प्रवक्ता ने कहा, ‘आतंकवादी ग्रेनेड फेंकते हुए और संतरियों पर गोलीबारी करते हुए ऑफिसर्स मेस परिसर में घुस गए।’ 


उन्होंने कहा, ‘शुरुआती जवाबी कार्रवाई में सेना के एक अधिकारी और तीन सैनिक शहीद हुए।’ उन्होंने कहा, आतंकवादी दो भवनों में घुस गए जहां अधिकारी, उनके परिवार और अन्य लोग थे। ‘इसके कारण बंधक स्थिति उत्पन्न हो गयी।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘स्थिति पर तुरंत काबू पा लिया गया और उसके बाद सोच-समझकर की गयी कार्रवाई में सभी को सफलतापूर्वक मुक्त करा लिया गया। उनमें 12 सैनिक, दो महिलाएं और दो बच्चे थे।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि उन्हें मुक्त कराने के प्रयास में एक अधिकारी और दो अन्य जवानों ने अपने जीवन का बलिदान किया।’ मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए।


प्रवक्ता ने कहा, ‘तीन आतंकवादियों के शव बरामद कर लिए गए हैं और पूरे क्षेत्र को सुरक्षित बनाने की प्रक्रिया जारी है।’ 


हमले में शहीद हुए सैनिकों में एक मेजर भी शामिल हैं। सेना की 166 तोपखाना ईकाई पर हुए हमले के मद्देनजर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। रास्ता देर शाम फिर से खोल दिया गया। यह ईकाई सेना की 16वीं कोर से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित थी। 16वीं कोर ही जम्मू क्षेत्र में सेना के सभी अभियानों की जिम्मेदारी संभालती है।


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जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर नगरोटा में सभी स्कूलों को बंद कर दिया है।


जम्मू के उपायुक्त सिमरनदीप सिंह ने कहा, ‘आतंकी हमले के मद्देनजर हमने नगरोटा तहसील में सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है।’ लगभग इसी वक्त पर एक अन्य घटनाक्रम में साम्बा के रामगढ़ इलाके में बीएसएफ के जवान पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ का प्रयास कर रहे आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में उलझे हुए थे।


बीएसएफ का कहना है कि उसने कल देर रात तीन लोगों की संदिग्ध गतिविधि देखी और बल के त्वरित कार्रवाई दल ने तत्परता दिखाते हुए पूरे क्षेत्र को घेर लिया।


सीमा सुरक्षा बल ने एक बयान में कहा, ‘यह समझ आने पर कि वे घिर गए हैं, उग्रवादियों ने बीएसएफ की टुकड़ी पर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी और ग्रेनेड फेंकना शुरू कर दिया।’ बयान के मुताबिक, ‘आगे बढ़ने में अक्षम उग्रवादी पास ही में ट्यूब-वेल के लिए बनी झोपड़ी में घुस गए। कवर का इस्तेमाल करते हुए उजाला होने तक गोलीबारी करते रहे। क्षेत्र की कड़ी निगरानी की जा रही थी और वहां तैनात टुकड़ी भी सुबह होने का इंतजार कर रही थी।’ सुबह होने पर बीएसएफ की टुकड़ी ने ‘पूरी तत्परता से गोलीबारी को आगे बढ़ाया और जल्दी ही आतंकवादियों को मार गिराया।’ घटनाक्रम में एक कांस्टेबल श्यामलाल अहिरवार की कलाई में गोली लगी।


बयान में कहा गया है कि पूरी सुबह पाकिस्तान उग्रवादियों को कवर देने के लिए गोलीबारी करता रहा। इसमें कहा गया है। इस घटनाक्रम में बीएसएफ के जम्मू के उपमहानिरीक्षक बीएस कसाना, इंडिया रिजर्व बटालियन के इंस्पेक्टर सरबजीत सिंह और बीएसएफ के कांस्टेबल वैभव घायल हुए हैं।


बयान में कहा गया है कि सभी घायलों को तुरंत सैन्य अस्पताल ले जाया गया। उनकी हालत स्थिर बतायी जा रही है।


मारे गए आतंकवादियों के पास से 18 मैगजीन, 25 ग्रेनेड, तीन आईईडी बेल्ट, पांच चेन आईईडी (रेलवे ट्रैक उड़ाने वाले) और एक वायरलेस सेट मिला है।


बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा, ‘यदि बीएसएफ ने आतंकवादियों को सफलतापूर्वक घेर कर खत्म नहीं किया होता तो वे प्रदेश में भीषण तबाही मचा सकते थे। बीएसएफ के बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरे के कारण ही इस तबाही को प्रभावी तरीके से टाला जा सका।’ क्षेत्र की सुरक्षा दृष्टिकोण से तलाशी ली जा रही है।