नई दिल्ली: शिपिंग मंत्रालय (Shipping Ministry) का नाम बदलकर अब मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग और वाटरवेज (Ministry of Ports, Shipping and Waterways) हो जाएगा. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Nrendra Modi) ने आज ये ऐलान किया है. पीएम मोदी ने सूरत में हजीरा (Hazira) और भावनगर डिस्ट्रिक्ट के घोघा  (Ghogha) के बीच आज रो-पैक्स फेरी सेवा (Ro-Pax ferry service) की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने शिपिंग मिनिस्ट्री का नाम बदले जाने का ऐलान किया. 


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इस रो-पैक्स सर्विस से दोनों जगहों के बीच सड़क यात्रा की 370 किलोमीटर की दूरी जल मार्ग के जरिए 90 किलोमीटर कम हो जाएगी. इससे पहले, इसी साल जुलाई में मोदी सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया था. 


'देश के पास 21 हजार किमी का जलमार्ग'


शिपिंग मिनिस्ट्री का नाम बदलने के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 'देश के पास करीब 21 हजार किलोमीटर का जलमार्ग है, वो देश के विकास में अधिक से अधिक कैसे काम आए इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. सागरमाला प्रोजेक्ट के तहत आज देश भर में 500 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, इनमें से कई प्रोजेक्ट्स पूरे भी हो चुके हैं.' 


'सड़क, रेल से सस्ता है जलमार्ग'


उन्होंने कहा कि 'जलमार्ग से होने वाला ट्रांसपोर्टेशन सड़क और रेलमार्ग से कई गुना सस्ता पड़ता है. और पर्यावरण को भी कम से कम नुकसान होता है. देश का समुद्री हिस्सा आत्मनिर्भर भारत का एक अहम हिस्सा बनकर उभरे इसके लिए निरंतर काम चल रहा है. सरकार के इन प्रयासों को गति देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा. मिनिस्ट्री ऑफ शिपिंग का भी नाम बदला जा रहा है, अब ये मंत्रालय 
मिनिस्ट्री ऑफ पोर्टस, शिपिंग एंड वॉटरवेज के नाम से जाना जाएगा, इसका विस्तार किया जा रहा है.' 


'अब काम में भी आएगी स्पष्टता'


पीएम मोदी ने कहा कि 'विकसित अर्थव्यस्थाओं में ज्यादातर जगहों पर शिपिंग मंत्रालय ही पोर्ट्स और वाटरवेज का भी दायित्व संभालता है. अब नाम अधिक स्पष्टता आने से काम में भी अधिक स्पष्टता आ जाएगी.' 


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