पश्चिम बंगाल लोकसभा चुनावों का वो रक्तरंजित चेहरा है, जो हर चरण में मुंह पोंछकर मुस्कुराता हुआ दिखता है. यहां दिखावे की कार्रवाई में सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप होते हैं, जैसे एक पार्टी के कार्यकर्ता को दूसरे पार्टी ने मार डाला...या फिर एक पार्टी के कार्यकर्ता को दूसरी पार्टी ने फांसी से लटका दिया. वोटिंग का दिन हो या ना हो, चुनावी हिंसा होती ही रहती है.


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बंगाल के नंदीग्राम में कल रात बीजेपी कार्यकर्ताओं पर एक बड़ा हमला हुआ. आरोप है कि ये हमला टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से हुआ था. इस हमले में बीजेपी की 1 महिला कार्यकर्ता मारी गई और 7 कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए हैं. हमलावर धारदार हथियारों से लैस थे. इस हमले के बाद नंदीग्राम में दहशत का माहौल है.


नंदीग्राम कभी TMC का गढ़ था


बीजेपी अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या पर प्रदर्शन कर रही है,और सुरक्षाबल, 2 दिन बाद वोटिंग करवाने के लिए लाठियां भांजकर, सभी को चुप करवाने की कोशिश में हैं. जिन क्षेत्रों की वजह से, ममता बनर्जी जमीनी नेता वाली पहचान ओढ़कर, पूरे देश में घूमती टहलती हैं. उसमें से एक क्षेत्र नंदीग्राम भी है. नंदीग्राम कभी TMC का गढ़ था. यहां से TMC की ओर से सुवेंदू अधिकारी जीतते रहे. वर्ष 2021 में सुवेंदु अधिकारी बीजेपी की ओर से लड़े, और ममता बनर्जी को हराया. शायद इसी वजह से सुवेंदु अधिकारी और नंदीग्राम, TMC की हिटलिस्ट में है. कुछ दिन पहले हल्दिया की एक रैली में ममता ने नंदीग्राम की हार का बदला लेने की बात कही थी.


तो क्या नंदीग्राम में हुई हिंसा, ममता का बदला है? क्या नंदीग्राम के लोगों के मन में डर बैठाने के लिए ही हमला करवाया गया था? नंदीग्राम जिस मेदिनीपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है, वहां पिछली बार भी बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. ममता बनर्जी जानती हैं कि यहां बीजेपी का दबदबा बढ़ा है. तो क्या कम वोटिंग सुनिश्चित करने के लिए हिंसा का डर बैठाया जा रहा है? नंदीग्राम राजनीति का बदलापुर बना हुआ है. हम आपको इससे जुड़ी अपनी एक ग्राउंड रिपोर्ट दिखाते हैं.


बदले की आग...अगर इंसानी भावना है
तो नंदीग्राम इसका चेहरा है.
ममता बनर्जी की जमीनी राजनीति का आदर्श उदाहरण आज पश्चिम बंगाल की राजनीति के खूनी चरित्र का उदाहरण है


22 मई की रात बीजेपी कार्यकर्ताओं पर बड़ा हमला हुआ, बहुत खून खराबा हुआ...आगजनी हुई.
1 महिला मारी गई..और 7 लोग लहूलुहान होकर अस्पताल में पड़े हैं.
आरोप है कि बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस इस हिंसा पर उतारू थी.


हिंसा के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भी खूब हंगामा किया.
सड़क जाम की...नारेबाजी की...सुरक्षाकर्मियों की लाठियां खाईं.
लेकिन कार्रवाई के नाम पर 2 TMC कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए हैं.


अभी कुछ दिन पहले ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी की यहां रैली हुई थी. स्थानीय लोगों का कहना है कि, उन्होंने बहुत भड़काऊ बातें कही थीं. फिलहाल नंदीग्राम, वोटिंग से पहले, सुरक्षाबलों की छावनी बना हुआ है. अब बड़ी चुनौती लोगों को मतदान केंद्रों तक लाने की होगी क्योंकि हिंसा के बाद लोगों में दहशत है.


(नंदीग्राम से सौमित सेनगुप्ता,जी मीडिया)