Nasa Chief Bill Nelson:  भारत में जेम्स बॉन्ड के तौर पर पहचाने जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval)  ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात की थी. सोमवार को  हुई आईसीईटी वार्ता के बाद अमेरिका और भारत की ओर से एक फैक्ट सीट जारी की गई थी,  जिसमें कहा गया था कि भारत और अमेरिका अपने अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ा रहे हैं. 


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नासा प्रमुख का बयान
इसके बाद ही नासा के प्रमुख बिल नेल्सन की गुरुवार को ‌एक बयान आ गया, जिसमें कहा गया है कि कहा है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी भारत के साथ सहयोग का विस्तार करेगी, जिसमें एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर साझा प्रयास भी शामिल होगा.


भारत-अमेरिका साथ मिलकर करेंगे काम
बिल नेल्सन ने बुधवार (19 जून) को एक्स पर लिखा,  "नासा ने मानवता के हित में अमेरिका और भारत की आईसीईटी की पहल को आगे बढ़ाना जारी रखा है. हम दोनों देश मिलकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग को गहरा कर रहे हैं, ताकि अंतरिक्ष स्टेशन में इसरो के अंतरिक्ष यात्री के साथ साझा प्रयास जारी रखा जा सके." उन्होंने कहा कि हम अभी मिशन पर काम कर रहे हैं. ये प्रयास भविष्य में मानव अंतरिक्ष यान का समर्थन करेंगे और धरती पर जीवन को बेहतर बनाएंगे. 


बदल जाएगी जिंदगी
बिल नेल्सन ने बताया ''पिछले वर्ष की मेरी भारत यात्रा के आधार पर नासा मानवता के लाभ के लिए महत्वपूर्ण और उभरती हुई तकनीक पर अमेरिका और भारत की पहल को आगे बढ़ा रहा है। हम साथ मिलकर अंतरिक्ष में अपने देशों के सहयोग का विस्तार कर रहे हैं, जिसमें इसरो के अंतरिक्ष यात्री के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक संयुक्त प्रयास भी शामिल है."


न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बिल नेल्सन की यह टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और उनके भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के बीच सोमवार को हुई आईसीईटी वार्ता के बाद अमेरिका और भारत की ओर से जारी की गई एक फैक्ट शीट के बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि वे अमेरिका में इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए उन्नत प्रशिक्षण शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं.


डोभाल का नया प्लान
सुलिवन और डोभाल ने सोमवार को नई दिल्ली में कहा कि मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग के लिए रणनीतिक रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया गया है और वे नासा जॉनसन स्पेस सेंटर में इसरो के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एडवांस्ड ट्रेनिंग शुरू करने की दिशा में काम कर रहे हैं. सुलिवन और डोभाल ने यह भी कहा कि दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार को लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं. यह साझा रूप से विकसित एक सैटेलाइट है जो जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों से मिलकर निपटने के प्रयासों के तहत हर 12 दिन में दो बार पृथ्वी की सतह का संपूर्ण मानचित्र तैयार करेगा.


2022 में भारत की पहल
साल 2022 में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने iCET का शुभारंभ किया था. डोभाल और सुलिवन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अर्धचालक, महत्वपूर्ण खनिजों, उन्नत दूरसंचार और रक्षा क्षेत्र के क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को गहरा करने के लिए कई परिवर्तनकारी पहलों का भी शुभारंभकिया.