Lucknow : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार ( 3 मई) सुबह निधन हो गया. वह करीब 75 वर्ष के थे. उनके परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी. बता दें, कि बीते कुछ महीनों से लखनऊ के एक निजी अस्पताल में ही उनका इलाज चल रहा था.


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अतुल अंजान ने अपना राजनीतिक सफर 1977 में शुरू किया था. वह सबसे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे. वह सबसे प्रतिभाशील और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे. इन्होंने समाज में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई.


 


शनिवार दोपहर बाद होगा अंतिम संस्कार


अंजान की बहन रत्ना सिंह ने बताया कि वह पिछले कई सालों से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे और शुरुआत में उनका इलाज दिल्ली और अब लखनऊ में किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि उनकी एक बेटी हैं, उन्होंने आगे बताया कि अंजान का अंतिम संस्कार शनिवार ( 4 मई ) दोपहर बाद किया जाएगा. साथ ही अंजान के निधन पर राजनीतिक दलों के नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी दुख व्यक्त किया है.


 


 


किसानों के हितों में किया काम 


अतुल अंजान ने किसानों और श्रमिकों के हितों में बहुत काम किया. इसी सादगी के दम पर इन्‍होंने समाज में बहुत इज्‍जत कमाई थी. उन्होंने राजनीति क्षेत्र में एक विशिष्ट स्थान हासिल किया था. किसानों और श्रमिकों के हितों के प्रति सीपीआई नेता की दृढ़ प्रतिबद्धता ने जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों से व्यापक प्रशंसा और सम्मान प्राप्त किया है. एक समय अपने वक्तृत्व कौशल के लिए जाने जाने वाले तेजतर्रार छात्र नेता ने राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया था.