भुवनेश्वर: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक नहीं होंगे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि 16वीं विधानसभा (ओडिशा) के नवनिर्वाचित सदस्य कल ही शपथ ग्रहण करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सदन का नेता होने के नाते इस मौके पर मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहेंगे. इसलिए, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होने कल दिल्ली नहीं जा सकेंगे. इसमें कहा गया है, "मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों को अपनी शुभकामनाएं दी हैं." बीजेडी प्रमुख पटनायक ने पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की बुधवार को शपथ ली. 


छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अपने पहले से तय कार्यक्रमों के कारण मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगे. बघेल ने अपने ट्वीट में लिखा, "मैं पीएम मोदी को बधाई देना चाहता हूं. अपनी पूर्ववर्ती प्रतिबद्धताओं के चलते, मैं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सकूंगा. मैंने पीएमओ से बाद में पीएम मोदी से मुलाकात का समय मांगा है." 


 


ममता भी नहीं शामिल होंगी शपथ ग्रहण में
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी समारोह का उपयोग 'अपने राजनीतिक फायदे' के लिए कर रही है. बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "शपथ ग्रहण समारोह लोकतंत्र का जश्न मनाने का अच्छा अवसर है, न कि किसी के लिए राजनीतिक पार्टी की गरिमा को घटाने का अवसर है."


तृणमूल कांग्रेस प्रमुख की यह प्रतिक्रिया उन मीडिया रपटों के बाद आई है जिसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता के 70 परिवारों के सदस्य को विशेष अतिथि के रूप में समारोह में बुलाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने भाजपा के राज्य में राजनीतिक हिंसा में पार्टी के 54 सदस्यों के मारे जाने के आरोप को खारिज कर दिया. बनर्जी ने कहा, "आपको एकबार फिर प्रधानमंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं। मैंने संवैधानिक निमंत्रण को स्वीकार करने और शपथग्रहण समारोह में भाग लेने का मन बना लिया था."


 



उन्होंने कहा, "हालांकि पिछले एक घंटे से, मैं मीडिया रपटों को देख रही हूं जिसमें भाजपा द्वारा बंगाल में राजनीतिक हिंसा में 54 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है। यह पूरी तरह से गलत है। बंगाल में कोई राजनीतिक हत्या नहीं हुई है." उन्होंने ट्वीट किया, "मौतें निजी दुश्मनी, पारिवारिक झगड़े या किसी अन्य विवाद की वजह से हुई होंगी, लेकिन इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे पास इस तरह का कोई रिकार्ड नहीं है."