सिद्धू के मौन व्रत से पंजाब में राजनीतिक अटकलें बढ़ीं, अपने पाले में लाने के लिए AAP जुटी!
दिल्ली जीत के बाद आम आदमी पार्टी कांग्रेस में अलग-थलग पड़े नवजोत सिंह सिद्धू पर जम कर डोरे डाल रही है.
चंडीगढ़: दिल्ली जीत के बाद आम आदमी पार्टी कांग्रेस में अलग-थलग पड़े नवजोत सिंह सिद्धू पर जम कर डोरे डाल रही है. आम आदमी पार्टी आजकल सिद्दू की तारीफ में जुटी है. आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सांसद भगवंत मान और उनकी टीम ने नवजोत सिंह को एक ईमानदार नेता बताते हुए उनकी खूब तारीफ की. उधर सिद्धू के नजदीकी कांग्रेसी विधायक प्रगट सिंह ने कहा है कि अच्छे काम करने वालों की तारीफ करनी चाहिए. दिल्ली जीत के बाद पंजाब जीत के फॉर्मूले पर काम कर रही आप पार्टी पंजाब में पंजाब की सियासत के कुछ बड़े चेहरे भी अपने साथ जोड़ना चाहती है.
इसी कवायद में आजकल आप पार्टी सिद्धू की तारीफ के कसीदे पढ़ रही है. भगवंत मान के बयान के बाद विधायक अमन अरोड़ा ने कहा है कि आम आदमी पार्टी में साफ छवि वाले सभी नेताओं का स्वागत है. उधर सिद्धू के नजदीकी कांग्रेसी विधायक प्रगट सिंह का कहना है कि अच्छे काम करने वालों की तारीफ़ करनी चाहिए. हालांकि उन्होंने किसी भी तरह से यह नहीं कहा कि नवजोत सिंह को आम आदमी पार्टी में जाना चाहिए या नहीं.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी छोड़ने के बाद सबसे पहले सिद्धू का सियासी प्रेम आप के प्रति ही जागा था मगर बात बन नहीं पाई थी. इसके बाद सिद्धू ने कांग्रेस का रूख किया और पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने पर मंत्रिमंडल का हिस्सा बने.हालांकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने से सिद्धू पंजाब में इन दिनों हाशिये पर हैं और मंत्री पद की कुर्सी त्यागने के बाद से ही मौन अवस्था में हैं.
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पहले यही माना जा रहा था कि सिद्धू पंजाब कांग्रेस में ही अलग थलग पड़े हैं मगर दिल्ली विधान सभा चुनावों में स्टार प्रचारक बनाए जाने के बावजूद भी उनके दिल्ली प्रचार के लिए नहीं पहुंचने का संदेश यही पहुंचा कि सिद्धू ने आला कमान के आदेश को भी नजरअंदाज कर दिया है.
अब एक तरफ दिल्ली में आम आदमी पार्टी को तीसरी बार बंपर जीत मिली है तो दूसरी और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सिद्धू पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. बहरहाल आम आदमी पार्टी का सिद्धू प्रेम क्या नवजोत सिंह सिद्धू को अपने पाले में लाने में कामयाब हो पाएगा, यह अभी देखना होगा मगर फिलहाल सिद्धू का मौन व्रत भी टूटना बाकी है.