Navjot Singh Sidhu: रोड रेज मामले में जेल से बाहर आए नवजोत सिद्धू, केंद्र पर बोला हमला, राहुल को बताया क्रांति
Navjot Singh Sidhu Case: क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू की रिहाई पर उनका स्वागत करने के लिए शनिवार को कांग्रेस के कई नेता और समर्थक जेल के बाहर जमा हुए और नवजोत सिद्धू जिंदाबाद के नारे लगाए. 59 साल के सिद्धू के स्वागत के लिए जेल के बाहर खड़े उनके समर्थकों ने ढोल बजाने वालों का भी इंतजाम किया था.
Navjot Singh Sidhu Road Rage Case: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को साल 1988 के रोड रेज मौत मामले में अपनी सजा काटने के बाद पटियाला सेंट्रल जेल से बाहर आ गए. पटियाला जेल से बाहर आने के बाद नवजोत सिद्धू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र बेड़ियों में जकड़ा है, संस्थान गुलाम हो गए हैं. जब भी तानाशाही आई, क्रांति हुई है और आज मैं कहता हूं कि क्रांति का नाम राहुल गांधी है. क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू की रिहाई पर उनका स्वागत करने के लिए शनिवार को कांग्रेस के कई नेता और समर्थक जेल के बाहर जमा हुए और नवजोत सिद्धू जिंदाबाद के नारे लगाए. 59 साल के सिद्धू के स्वागत के लिए जेल के बाहर खड़े उनके समर्थकों ने ढोल बजाने वालों का भी इंतजाम किया था.
'संस्थाएं बन गई हैं गुलाम'
जेल से बाहर आकर सिद्धू ने कहा, संविधान को मैं अपना ग्रंथ मानता हूं. जो संस्थाएं संविधान की ताकत थीं, वही संस्थाएं आज गुलाम बन गई हैं. मैं घबराता नहीं हूं, मैं मौत से डरता नहीं हूं क्योंकि मैं जो करता हूं वो पंजाब की अगली पीढ़ी के लिए कर रहा हूं.अभी लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है. पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. पंजाब को कमजोर करने की कोशिश होगी तो कमजोर हो जाएंगे.
सिद्धू के बेटे करण सिद्धू ने शनिवार को कहा कि पूरा परिवार पिता की जेल से रिहाई का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. करण ने कहा कि पिछला कुछ समय उनके परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरा रहा, लेकिन अब उनके पिता को जेल से रिहा होता देखकर उन्हें खुशी हो रही है. नवजोत सिद्धू के स्वागत के लिए समर्थकों ने पटियाला शहर में कई जगहों पर उनके पोस्टर और होर्डिंग लगाए हैं. जेल के बाहर खड़े एक समर्थक ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता सिद्धू की रिहाई को लेकर बहुत खुश हैं.
1988 के मामले में हुई थी सजा
सिद्धू को साल 1988 के रोड रेज मामले में एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी. इस घटना में 65 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी. कांग्रेस की पंजाब यूनिट के पूर्व प्रमुख सिद्धू ने पटियाला की एक अदालत में सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद उन्हें पिछले साल 20 मई को जेल भेज दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कम सजा देने के लिए दिखाई गई कोई भी सहानुभूति न्याय प्रणाली को और ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी और इससे कानून के प्रभाव के प्रति जनता के भरोसे पर विपरीत असर पड़ेगा. सिद्धू के वकील एच पी एस वर्मा ने बताया था कि जेल के दौरान नवजोत सिद्धू के अच्छे बर्ताव के कारण उनकी रिहाई समय से पहले हो रही है, जैसा कि नियमों के तहत इजाजत है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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