Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: महाराष्ट्र में रविवार को आए सियासी भूचाल के बाद अब एनसीपी एक्शन में आ गई है. एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की गई है. रविवार देर रात पाटिल ने कहा कि अयोग्यता याचिका विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है।


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उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को भी एक ई-मेल भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि एनसीपी के नेता और कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं.


 1999 में शरद पवार ने इस पार्टी की स्थापना की थी. रविवार दोपहर इस पार्टी को उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा, जब उनके भतीजे अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए.


'अजित के पास नहीं 36 विधायकों का समर्थन'


एनसीपी ने यह भी कहा कि अजित पवार के पास 36 विधायकों का समर्थन नहीं है, जैसा कि दावा किया जा रहा है.पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने यह भी दावा किया कि पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और प्रदेश इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल सभी 53 विधायकों से संपर्क कर रहे हैं और सोमवार तक तस्वीर साफ हो जाएगी.


महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं. दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों को लागू करने से रोकने के लिए अजित पवार को कम से कम 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.


शाम को सूत्रों ने राज भवन को सौंपे गए एक पत्र का हवाला देते हुए दावा किया कि अजित पवार को उनकी पार्टी के 40 से अधिक विधायकों और नौ में से छह विधान परिषद सदस्यों का समर्थन हासिल है.


समर्थकों ने फोड़े पटाखे


दूसरी ओर, अजित पवार के समर्थकों ने शिंदे कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बारामती में पटाखे फोड़कर जश्न मनाया. बारामती के विधायक अजित पवार के समर्थक रविराज तावड़े ने कहा, हम अजित दादा के साथ हैं. वह जो भी निर्णय लेंगे, हम उसे स्वीकार करेंगे. मालेगांव चीनी सहकारी मिल के निदेशक और एनसीपी की पुणे जिले की युवा शाखा के पूर्व अध्यक्ष योगेश जगताप ने कहा, अजित पवार का मतलब विकास की राजनीति है. उन्होंने बारामती का विकास करते हुए पार्टी के आम कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाया है.