Maharashtra News: NCP नेता छगन भुजबल ने एक विवादित बयान दिया है. भुजबल ने कहा कि स्कूलों में मां सरस्वती की पूजा क्यों हो रही है. उन्होंने कहा कि मां सरस्वती ने सिर्फ 3 प्रतिशत लोगों को सिखाया. स्कूलों में अंबेडकर और फुले की तस्वीर लगनी चाहिए. भुजबल ने सवाल उठाया कि स्कूल में मां सरस्वती, शारदा मां की पूजा क्यों करनी है. भुजबल के इस बयान पर सियासी तीर चल सकते हैं.  दरअसल छगन भुजबल सोमवार को यशवंतराव चव्हाण सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. वहां उन्होंने कहा कि स्कूलों में मां सरस्वती और शारदा माता की तस्वीर लगाई जाती है, जिन्हें हमने कभी देखा ही नहीं और ना ही कुछ पढ़ाया. अगर पढ़ाया भी होगा तो सिर्फ 3 प्रतिशत लोगों को. 


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भुजबल ने आगे कहा, 'सावित्रीबाई फुले, महात्मा ज्योतिबा फुले, भीमराव अंबेडकर, छत्रपति शाहू महाराज और कर्मवीर भाऊराव पाटिल की तस्वीरें सकूलों में लगाई जानी चाहिए क्योंकि इन हस्तियों की वजह से हमें शिक्षा और अधिकार मिले हैं. इसलिए  इनकी पूजा कीजिये यह आपके देवता हैं. इनके विचारों की पूजा होनी चाहिए, बाकी देखेंगे बाद में.'



बीजेपी ने बोला हमला


छगन भुजबल के इस बयान को लेकर बीजेपी ने करारा हमला बोला है. बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा, अभी भुजबल ने स्कूलों में देवी-देवताओं की तस्वीरें हटाने की बात कही है. आगे जाकर वह कह सकते हैं कि मंदिरों की जरूरत क्या है. कदम ने कहा कि भुजबल के देवी-देवताओं का अपमान किया है. इसलिए उन्हें इसे लेकर माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी नेता ने कहा कि जब चुनाव का वक्त आता है तो यही नेता हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों में माथा टेकने का नाटक करते हैं और अब कह रहे हैं कि देवी देवताओं की तस्वीरों की क्या जरूरत है, उन्हें हटा दिया जाए. कदम ने कहा कि सभी महापुरुषों के लिए हमारे मन में सम्मान है लेकिन इस तरह देवी-देवताओं का अपमान नहीं कर सकते. 



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