Muslim World League Secretary General India Visit: भारत दौरे पर आये मुस्लिम वर्ल्ड लीग (Muslim World League) के महासचिव ने कहा है कि उन्होंने भारत मे जो शांतिपूर्ण सहअस्तित्व देखा है वो अद्भुत है. डॉक्टर इस्सा ने कहा कि मैं भारतीय नेतृत्व, जनसंख्या और संविधान के साथ-साथ उस प्राचीन परंपरा की सराहना और अभिनंदन करता हूं जिसने दुनिया को सद्भाव का संदेश दिया है.


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डॉक्टर इस्सा ने कहा, "आप सब की सोच की विविधता से बहुत प्रभावित हूं. मेरी खुशी है कि जिस तरह से मेरी सबसे मुलाकात हुई है , प्रधानमंत्री से लेकर हर कम्युनिटी से जो मेरी मुलाकात हुई उनसे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा." डॉक्टर इस्सा ने कहा कि भारत की बुद्धिमत्ता से दुनिया लाभान्वित हो सकती है. भारतीय दर्शन मानव जाति की प्रगति में सहायक रहा है. जब हमारे बीच मे संवाद की कमी होती है तो बहुत सी समस्या शुरू होती है गलतफहमी पैदा होती है ऐसे में जरूरी है कि दुनिया मे संवाद की शुरुआत हो.


डॉक्टर इस्सा ने कहा कि आज के युवा में जो टेंशन दिख रही है उसकी वजह ये है कि जो गलत विचारधारा फैलाई जा रही है उससे बचाने के लिए हमे बचपन से ही ऐसी नफ़रत वाली सोच से दूर रखना होगा. विडंबना यह है कि नफरत फैलाने वाली किताबें सकारात्मक, बहुलवादी और रचनात्मक संदेशों को बढ़ावा देने वाली किताबों की तुलना में अधिक व्यापक हैं. डॉक्टर इस्सा ने कहा कि हमारा धर्म मानवता है. हम सब एक ही वंशावली से हैं.हमारा मानना ​​है कि हम एक ही पेड़ के अलग-अलग हिस्से हैं. हमें फैलाई जा रही भ्रांतियों का इलाज ढूंढना होगा. हमें दो मोर्चों पर काम करने की जरूरत है- शिक्षा और युवाओं को दुष्प्रचार से बचाना. अंतरधार्मिक संवाद ही भविष्य का एकमात्र रास्ता है.


डॉक्टर इसा ने कहा कि गलत नजरिया से आपस मे दूरियां फैली. और इससे हिंसा फैली और आतंकवाद का जन्म ले लिया. सभ्यतागत टकराव को रोकने के लिए हमें अगली पीढ़ी को बचपन से ही सुरक्षित और मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है. "सत्ता पर कब्ज़ा जमाने के लिए, कई नेताओं ने अपना नियंत्रण और प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए नफरत भरी कहानियों का इस्तेमाल किया है."


डॉक्टर इसा ने कहा कि मैंने यहां के धर्मगुरुओं से मुलाकात की.कुछ संगठनों, भारतीय संस्थानों और नेताओं के विपरीत जिनसे मैं मिला, उन्होंने अपना प्रभुत्व जताने के बजाय शांति, सहिष्णुता और समझ के बारे में बात की.हमें सभ्यताओं के टकराव और धार्मिक नफरत की कहानियों के खिलाफ खड़े होने की जरूरत है.