UP Me Ka Ba Song: अपने 'यूपी में का बा' गाने के लिए मशहूर लोक गायिका नेहा सिंह राठौड़ ने यूपी पुलिस के भेजे नोटिस पर कहा है कि यह पूरी तरह फर्जी है और इसका जवाब उनके वकील ने दे दिया है.  जी न्यूज से खास बातचीत में नेहा सिंह राठौर ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू और मेरे वकील ने बताया कि 160 CRPC बिना किसी पर एफआईआर दर्ज किए किसी पर लागू नहीं किया जा सकता. नेहा ने आगे बताया कि जस्टिस काटजू ने उनसे कहा कि बिल्कुल घबराना नहीं है. यह यूपी सरकार और पुलिस की तानाशाही है. आपने कोई अपराध नहीं किया है. 


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'मैं डरने वाली नहीं हूं'


लोक गायिका ने कहा, यूपी पुलिस को लगा कि 24-25 साल की लड़की है. अभी-अभी करियर शुरू किया है. डराएंगे तो डर जाएगी. लेकिन वह भूल गए कि मैं एक लोकतांत्रिक देश में रहती हूं. वह मुझे डरा नहीं पाएंगे. जब पूछा गया कि क्या कारण है कि पुलिस ने आपको नोटिस भेजा? इस पर नेहा ने कहा कि कारण वोट कटने का डर होगा. कहीं पब्लिक मेरे से इंस्पायर्ड होकर सवाल पूछने की भूमिका में ना आ जाए. कहीं इनकी जो छवि है, वो नेगेटिव न बन जाए. 


आरोप लगता है कि आप एक राजनीतिक पार्टी के एजेंट के तौर पर काम कर रही हैं? इस सवाल के जवाब में नेहा ने कहा, आज के दौर में लोग पुरस्कारों, इवेंट्स और अन्य चीजों के लिए सरकार की चाटुकारिता करते हैं तो ऐसे में लोकगायिका होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बढ़ जाती है. लोग गैर-जिम्मेदार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मैं किसी राजनीतिक पार्टी को जिताने नहीं आई हूं. 



आगे जब पूछा गया कि उनका हर गीत अखिलेश यादव रीट्वीट करते हैं और समाजवादी पार्टी के लोग उनका समर्थन करने उतर आते हैं तो उन्होंने कहा, मैं किसी से कहने नहीं जाती हूं कि मेरा गाना रीट्वीट करिए. पब्लिक मुझे सपोर्ट करती है मुश्किल वक्त में. नेहा ने कहा कि जो भी सरकार चुनकर आई है, उस पर जनता की भलाई करने की जिम्मेदारी है. चाहे अखिलेश यादव हों या योगी आदित्यनाथ. कोई काम करने पर जनता से थैंक्यू की उम्मीद करना गलत है. 


क्या है मामला


अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने 160 सीआरपीसी का नोटिस पिछले दिनों नेहा सिंह राठौर को भेजा था. अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान कानपुर देहात के मडौली गांव में एक मां-बेटी को जिंदा जलाए जाने के बाद नेहा ने अपने ट्विटर हैंडल, फेसबुक और यूट्यूब चैनल से 'यूपी में का बा' समेत कई गाने पोस्ट कर राज्य सरकार पर कटाक्ष किया था.सीओ अकबरपुर प्रभात कुमार ने कहा था कि तरह-तरह के ट्वीट और मौखिक शिकायतें मिलीं कि नेहा के गाने समाज में भेदभाव और वैमनस्य फैला रहे हैं.


नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा गया था. यूपी पुलिस के नोटिस में नेहा से पूछा गया कि जिन इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ये गाने पोस्ट किए गए हैं, क्या वो खुद चलाती हैं या कोई और चलाता है. पुलिस ने उससे पूछा है कि जो गाने उन्होंने गाए हैं वह उन्होंने लिखे हैं या किसी ने दिए हैं और गाने लिखने और गाने का आधार क्या है. सीओ ने कहा है कि स्पष्टीकरण नहीं देने पर पुलिस आगे की कानूनी कार्रवाई करेगी. नेहा ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही 'यूपी में का बा' गाना गाया था और यह साफ तौर से बीजेपी सांसद और भोजपुरी स्टार रवि कृष्णन के 'यूपी में सब बा' के जवाब के तौर पर था.


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