नई दिल्ली : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ ने भारत और जापान की सरकारों से एक बार फिर अपने पिता की अस्थियां स्वदेश लाने की अपील की है. अनीता के मुताबिक 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में एक विमान दुर्घटना में नेताजी की मौत हो गई थी. सितंबर 1945 से टोक्यो के रेनकोजी मंदिर में उनकी अस्थियां संरक्षित हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नेताजी की 73वीं पुण्यतिथि
उन्होंने कहा कि अपने पिता की 73वीं पुण्यतिथि पर मैं भारत और जापान की सरकारों से अपना अनुरोध दोहराती हूं कि उनकी अस्थियों को विसर्जित करने के लिए उन्हें जापान से भारत भेजने की व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि मेरे पिता की आजाद भारत में लौटने की अभिलाषा थी जो दुर्भाग्य से पूरी नहीं हो पाई. इसलिए यह उचित होगा कि कम से कम उनकी अस्थियां आजाद भारत की मिट्टी का स्पर्श कर सकें. मेरे पिता एक सच्चे हिन्‍दू थे. इस लिहाज से उनकी अस्थियां गंगा नदी में प्रवाहित करना प्रथा के अनुरूप होगा.


जापान-इंडिया एसोसिएशन ने भी रखी मांग
टोक्यो स्थित 115 साल पुराने जापान-इंडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष हिरोशी हीराबायाशी ने भी भारत सरकार से नेताजी की अस्थियों को स्वदेश भेजने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है. गौरतलब है कि नेताजी के प्रति सम्मान दिखाने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रेनकोजी मंदिर में शनिवार को वर्षिक आयोजन किया गया था.


इनपुट भाषा से