नई दिल्ली: दिल्ली में तेजी के साथ बढ़ रहे कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण को लेकर बने हालात के मद्देनजर बुलाई गई दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की बैठक खत्म हो गई है. इस खास बैठक में लेफ्टिनेंट गवर्नर (LG), दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal), चीफ सेक्रेटरी, डॉ बीके पाल, डॉक्टर गुलेरिया और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों समेत कई विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे.


लग सकती है नई पाबंदी


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सूत्रों के अनुसार, रेस्टोरेंट में बैठकर खाने पर लग सकती है पाबंदी, हालांकि व्यापारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टेक अवे की सुविधा जारी रहेगी. 


बैठक में इन अहम मुद्दों पर चर्चा:


जो भी पाबंदी दिल्ली में लागू है वो एनसीआर में क्यों लागू नहीं हो रही इस मुद्दे पर डीडीएमए में चर्चा हुई. वहीं इस बार पर भी जोर दिया गया कि लोगों को होम आइसोलेशन में कैसे सुविधा दी जाए. वहीं चुनौतियां बढ़ी तो दिल्ली में क्या होगा इस पर भी गहन मंथन हुआ. इस बैठक में शामिल अधिकारियों के मुताबिक अगर 1 दिन में 1 लाख नए मामले आते हैं तो इसके लिए क्या तैयारियां हैं इस पर भी चर्चा हुई.


ये भी पढ़ें- कोरोना: दिल्ली वालों पर लग सकती है ये नई पाबंदी, DDMA की बैठक में हुआ मंथन


आपातकालीन स्थिति में कितना मैन पावर है?


आपातकालीन यानी किसी भी तरह की इमरजेंसी पड़ने पर दिल्ली में कितना मैन पावर है उसे पूरी तरह मुस्तैद रखने को कहा गया है. इस दौरान यह भी अंदाजा लगाने की कोशिश हो रही है कि आपातकालीन स्थिति में यहां कितने ट्रेंड डॉक्टर, छात्र, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ और हेल्थ केयर वॉलिंटियर अपनी सेवाएं दे सकते हैं.


दूसरी लहर जैसी तस्वीरें न दिखें ऐसा करने पर फोकस


इस बैठक में कहा गया कि 10 जनवरी तक दिल्ली के पास 900 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है. वहीं DTC बसों और मेट्रो सेवा को 50% की क्षमता पर चलाए जाने की चर्चा के दौरान यह कहा गया की मेट्रो की क्षमता कम करने से जो भीड़ होगी उससे संक्रमण और ज्यादा तेजी से फैल सकता है. वीकली मार्केट इस बात को लेकर चर्चा हुई की क्यों न एक जोन में सुरक्षा जगह देखकर मार्केट लगाई जाए.


रविवार की दोपहर मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया था कि पिछले 24 घंटों में करीब 22,000 नए कोरोना केस आए हैं. इतनी संख्‍या में नए मामलों के बावजूद अस्पतालों में केवल 1500 बेड ही भरे हैं. पांचवी लहर में मृत्यु दर भी कम है और अस्पताल में बेड भी कम भरे हुए हैं.


LIVE TV