नई दिल्ली: दिल्ली-पानीपत हाईवे पर रविवार तड़के एक सड़क दुर्घटना में चार खिलाड़ियों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हैं. ये सभी खिलाड़ी पॉवर लिफ्टिंग के हैैं. इनमें से एक विश्व चैंपियन सक्षम यादव भी शामिल हैं. यह दुर्घटना कार के संतुलन बिगड़ने के कारण हुई. दिल्ली के सक्षम यादव ने वर्ल्ड पॉवर लिफ्टिंग चैंपियनशिप की जूनियर कैटेगरी में गोल्ड मेडल हासिल कर देश का नाम रोशन किया है.बता दें कि सक्षम यादव ने रूस के मास्को में दिसंबर 2017 में हुई वर्ल्ड कप पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीत कर भारत का नाम रोशन किया था.पुलिस ने बताया कि घायलों का इलाज चल रहा है. अभी उनकी हालत के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता.



क्या होता है पॉवरलिफ्टिंग
पॉवरलिफ्टिंग भी एक पावर गेम होता है. इसमे तीन इंवेट होते हैं..स्क्वाड(squat), बेंच प्रेस (bench press)और डेडलिफ्ट (deadlift). स्क्वाड में खिलाड़ी को वेट लोहे की रॉड के सहारे अपने कंधे पर लेना होता जिसके बाद उसे वजन लेकर बैठक लगानी होती है. बेंच प्रेस में इसी तरह लोहे की रॉड पर वजन लेकर बेंच पर लेटे हुए वेट लिफ्ट करना होता है. इस गेम में तीसरा इवेंट डेडलिफ्ट होता जिसमें वजन को इसी लोहे की रॉड के साथ जमीन से अपनी जांघों तक उठाना होता है.पॉवरलिफ्टिंग की ओलंपिक में मान्यता नहीं है जबकि इसकी वर्ल्ड चैंपियनशिप होती है. 


वेट लिफ्टिंग एक पावर गेम है
वेटलिफ्टिंग एक पावर गेम है. यह एक ऐसा खेल है, जहां खिलाड़ी भारी-भरकम वेट मशीनें उठाते हैं जो कि स्टील बार से जुड़ी होती है. इस बारबेल कहते हैं. इस खेल में खिलाड़ी को अच्छी सेहत के साथ ही मानसिक तौर पर भी मज़बूत होने की ज़रूरत होती है. इस खेल के लिए शरीर से मजबूती, स्किल के साथ- साथ और ताकत की जरूरत होती है. भारत ने सबसे पहले 1936 में पहली बार इस खेल में ओलिंपिक में हिस्सा लिया था.वेटलिफ्टिंग में प्रतियोगी अपने वज़न से तीन गुना अधिक तक भार उठा लेते हैं. वेटलिफ्टिंग में दो तरह की तकनीकों का इस्तेमाल होता है. पहली तकनीक है स्नेच, जिसमें भार को सिर के ऊपर तक उठाना होता है और दूसरी तकनीक है क्लीन एंड जर्क, जिसमें भार को दो चरणों में उठाना होता है. सफलतापूर्वक भार उठाने के लिए वेटलिफ्टिर को हाथ सिर के ऊपर तक ले जाना और शरीर का सीधा रहना जरूरी होता है.