NIA Raid on PFI: देश के कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से लगातार हिंसा और आतंक से जुड़े मामलों में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया यानि पीएफआई से जुड़े संदिग्धों का नाम सामने आने से सुरक्षा एजेंसियां चिंतित थी. उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल जैसे राज्यों में हुए हिंसा में पीएफआई से जुड़े आरोपियों का नाम सामने आने से ये जरूरी हो गया था कि उस पर कड़ी कारवाई की जाये. गृह मंत्री अमित शाह पीएफआई पर कारवाई करने का मन बना चुके थे. सबसे पहले पिछले महीने की 29 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की.


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आपरेशन का कोड नेम 'आपरेशन आक्टोपस' रखा गया


इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, आईबी चीफ तपन डेका समेत रा चीफ समंत गोयल भी मौजूद थे. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने सभी एजेंसियों को ये निर्देश दिया कि पीएफआई और उससे जुड़ी गतिविधियों की जानकारी इकट्ठी की जाये. सभी एजेंसियों को अलग अलग जानकारियों को इकट्ठा करने को कहा गया. पीएफआई के खिलाफ आपरेशन का कोड नेम आपरेशन आक्टोपस रखा गया.


पापुलर फ्रंट आफ इंडिया यानि पीएफआई पर पिछले दिनों हुए रेड से पहले खुफिया एजेंसी आईबी और रॉ ने पीएफआई की गतिविधियों की अहम जानकारियां इकट्ठी की थी जिसमें उसके कैडर और उनके नेताओं से जुड़ी जानकारियों वाली एक डोजियर तैयार किया था. छापे से पहले पीएफआई के डोजियर को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ( एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मुहैया कराई गई थी. 


जी मीडिया को मिली एक्सलूसिव जानकारी के मुताबिक मिडनाईट में हुए ऑपरेशन से पहले दिल्ली में एक स्पेशल कंट्रोल रूम बनाया गया था. गृह मंत्री लगातार ऑपरेशन पर नजर बनाये हुए थे. आपेरशन की रात राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और आईबी चीफ तपन डेका कंट्रोल रूम में मौजूद थे.


एनआईए, ईडी और कुछ राज्यों की पुलिस के  जरिये पीएफआई के 93 लोकेशन पर छापे डाले गये थे जिसमें कुल पीएफआई के 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. रेड के अगले ही दिन एक बार फिर से गृह मंत्री अमित शाह ने एनएसए अजीत डोभाल और एनआईए चीफ दिनकर गुप्ता के साथ बैठक की. मीटिंग में इस बात पर चर्चा हुई कि पीएफआई और उससे जुड़े संगठन एसडीपीआई पर छापों के दौरान क्या सबूत मिले हैं और आगे इनके खिलाफ क्या ऐक्शन लिया जा सकता है.


पीएफआई पर सर्जिकल स्ट्राइक करने से पहले खुफिया एजेंसियों की अलग अलग टीम ने पीएफआई के हर उस काडर के बारे में जानकारियां जुटाई थी जिससे देश के सुरक्षा को खतरा था. पीएफआई के खिलाफ हुए कुछ रेड ऐसे लोकेशन पर हो रही थी जिससे एनआईए और ईडी टीम की सुरक्षा को खतरा था. ऐसे में छापे को इस तरह से प्लान किया गया कि सुबह जब तक सभी को ये पता चलता कि पीएफआई पर रेड हो रही थी सभी टीमें सुरक्षित अपने ठिकानों पर लौट आये. देखा जाये तो पीएफआई पर हुए छापे में ऐसा ही हुआ. सुबह आठ बजे तक ज्यादातर टीमें आरोपियों को अपने साथ लेकर हेडक्वार्टर पर वापस आ गई.


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