नई दिल्ली: निर्वाणी अखाड़ा (Nirvani Akhara) के प्रमुख महंत धर्मदास (Mahant Dharam Das) ने गृह मंत्रालय को एक कानूनी नोटिस भेजा है और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ramjanmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के गठन पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि ट्रस्ट का गठन सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार नहीं किया गया है और इसके निर्माण में बहुत सारी खामियां हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ट्रस्ट में चल रही है मनमानी
महंत धर्मदास ने आरोप लगाया कि मौजूदा ट्रस्ट, जो अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित किया गया था, वह अवैध है और यहां मनमानी चल रही है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि ट्रस्ट का गठन पिछले साल नवंबर में दिए गए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के अनुसार नहीं किया गया है.


सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी
उन्होंने गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) से कहा कि ट्रस्ट में सुधार करने की जरूरत है और इसीलिए नोटिस जारी किया गया है. महंत दास ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार नोटिस मिलने के दो महीने के भीतर कोई जवाब नहीं देती है या कार्रवाई नहीं करती है तो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की जाएगी.


ट्रस्ट में भगवान क्यों नहीं है शामिल
नोटिस में महंत धर्मदास (Mahant Dharam Das) ने सवाल उठाया है कि जब सारी संपत्ति भगवान की है तो भगवान को ट्रस्ट में शामिल क्यों नहीं किया गया? और पूर्व में आए दान और चढ़ावे को क्यों नवगठित ट्रस्ट में प्रदर्शित नहीं किया गया?


ट्रस्ट में ऐसे लोग जिनका आंदोलन से सरोकार नहीं
महंत धर्मदास ने बात को लेकर भी सवाल उठाया है कि ट्रस्ट में ऐसे लोगों को शामिल किया गया है, जिनका राममंदिर आंदोलन से कोई सरोकार ही नहीं रहा. उन्होंने कहा है, 'जो लोग 1949 से आंदोलन में शामिल थे, उन्हें ट्रस्ट के गठन में उचित ध्यान नहीं दिया गया था, जबकि जो लोग 1989 के बाद शामिल हुए थे, उन्हें वेटेज दिया गया. यह दिखाता है कि सरकार के साथ राजनीतिक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्तियों को ट्रस्ट में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई.'


LIVE टीवी