गृह मंत्रालय का फरमान; संपत्ति का ब्यौरा नहीं तो प्रमोशन भी नहीं
केंद्र सरकार ने नौकरशाही में भ्रष्टाचार रोकने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय ने अपने नए आदेश में कहा है कि संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों को अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने पर प्रमोशन नहीं मिलेगी.
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने नौकरशाही में भ्रष्टाचार रोकने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय ने अपने नए आदेश में कहा है कि संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों को अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने पर प्रमोशन नहीं मिलेगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों से संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने वाले आईपीएस अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश देते हुए ताकीद की है कि ऐसे अधिकारियों को केंद्र सरकार से मिलने वाली अन्य सेवा संबंधी सुविधाएं भी नहीं मिलेंगी. मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव, पुलिस महानिरीक्षक और केन्द्रीय पुलिस संगठन के प्रमुख को भेजे निर्देश में अचल संपत्ति का साल 2016 का ब्यौरा अभी तक नहीं देने वाले आईपीएस अधिकारियों से जवाब मांगने को कहा है.
मंत्रालय ने आईपीएस अधिकारियों को साल 2016 में अचल संपत्ति का ब्यौरा 31 जनवरी 2017 तक ऑनलाइन मुहैया कराने का समय दिया था. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि देशभर में तैनात कुल 3,894 आईपीएस अधिकारियों में से लगभग 15 फीसदी अधिकारियों ने अभी तक अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है. मंत्रालय ने निर्देश में स्पष्ट कहा है कि ऐसे अधिकारियों को प्रमोशन और अन्य सेवा संबंधी सुविधाएं नहीं मिलेंगी.
अखिल भारतीय सेवा नियम, 1968 के तहत सभी अधिकारियों को हर साल अपनी अचल संपत्ति का ब्यौरा अगले नए साल की 31 तारीख तक मंत्रालय को ऑनलाइन मुहैया कराना अनिवार्य होता है. साल 2011 में संशोधित दिशानिर्देशों के तहत इस समय सीमा का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों को सतर्कता विभाग से अपनी सेवाएं जारी रखने की मंजूरी नहीं मिलेगी.