नई दिल्ली : प्रदूषण पर अंकुश पाने के प्रयास में उच्चतम न्यायालय ने गुरूवार को ‘प्रदूषण नियंत्रण में प्रमाण पत्र’ के बगैर वाहनों का बीमा नहीं करने का बीमा कंपनियों को निर्देश देने के साथ ही अनेक निर्देश जारी किए. न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ईंधन भरने वाले सभी केन्द्रों में वाहनों के प्रदूषण की जांच करने वाले केन्द्र हों.


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न्यायालय ने केन्द्र को यह सुनिश्चित करने के लिये चार सप्ताह का समय दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की जांच करने वाले सभी केन्द्र चालू हों ताकि वाहनों को प्रदूषण नियंत्रण में प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकें. शीर्ष अदालत ने पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण द्वारा दिये गये सुझावों पर विचार किया. न्यायालय पर्यावरणविद अधिवक्ता महेन्द्र चन्द्र मेहता द्वारा राजधानी में वायु प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति को लेकर 1985 में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था.