नई दिल्ली: दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रेपियर ने फिर जोर देकर कहा कि राफेल डील को लेकर कोई घोटाला नहीं हुआ. बंगलुरू में एयरो इंडिया 2019 में हिस्सा लेने आए ट्रेपियर ने कहा कि भारत सरकार ने 36 एयरक्राफ्ट का अनुरोध किया था और दसॉल्ट जल्द ही इनकी डिलीवरी करने जा रही है. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते ट्रेपियर ने कहा कि उनकी कंपनी को बड़ी खुशी होगी अगर भारत सरकार उनसे और एयरक्राफ्ट की मांग करती है. 


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तीन राफेल जंगी विमान एयरो इंडिया शो 
राफेल सौदे पर चल रहे राजनीतिक तूफान के बीच फ्रांस निर्मित तीन जंगी जेट विमान 20 फरवरी से शुरु हो रहे एयरो इंडिया शो 2019 में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं. एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि राफेल जंगी जेट विमान येलहंका वायु सेना स्टेशन उतरे. ये विमान उसी दिन पहुंचे हैं जिस दिन इस विषय पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट संसद में पेश की गई है.


अधिकारी के अनुसार राफेल जंगी जेट 20 फरवरी से शुरू हो रहे एशिया के प्रमुख एयर शो के पांच दिवसीय संस्करण के लिए गुरुवार को अभ्यास में हिस्सा लेंगे. खबरों के अनुसार दो लड़ाकू विमान उड़ान में हिस्सा लेंगे जबकि तीसरा वहां खड़ा रहेगा. कैग रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि 36 विमान खरीदने के लिए राजग द्वारा किया गया सौदा संप्रग के 2007 के सौदे से 2.86 फीसद सस्ता है. 


 कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एनडीए सरकार द्वारा किए गए सौदे के तहत 36 राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति में यूपीए शासन के दौरान 2007 में किए गए मोलभाव से एक महीना कम वक्त लगेगा. कैग ने कहा है कि दसॉल्ट एविएशन ने यूपीए शासन को विमानों की आपूर्ति के लिए जिस समय सीमा की पेशकश की थी, उसके हिसाब से उड़ान भरने योग्य 18 विमानों की पहली खेप की आपूर्ति अनुबंध पर दस्तखत होने के 37 से 50 महीने के बीच होनी थी. अगले 18 विमानों की खेप की आपूर्ति अनुबंध पर दस्तखत होने के 49 वें महीने से लेकर 72 वें महीने तक होनी थी.