National Highway: बिना टोल प्लाजा के हाईवे पर दौड़ा सकेंगे गाड़ी, सरकार लेकर आ रही ये नया System
No Toll Plaza on Highway: केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय एक नया कॉन्सेप्ट लेकर आ रहा है. इसके तहत व्हीकल के ओनर (Owner) को उतने ही रुपए देने होंगे जितना वह हाईवे पर चला है. फिलहाल पैसे Fastag से कटते हैं.
No Toll Plaza on Highway: जब भी हम किसी हाईवे पर जाते हैं तो टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों का सामना करना पड़ता है. लेकिन इससे छुटकारा पाने के लिए Fastag लाया गया. हालांकि इसके बावजूद भी टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनों में फर्क नहीं आया. इस बीच अब और ज्यादा हाईटेक होने का समय आ गया है. इसके लिए अब ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) सिस्टम लागू होने वाला है.
लोगों को होगा ये फायदा
दरअसल, केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय एक नया कॉन्सेप्ट लेकर आ रहा है. इसके तहत राजस्थान में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) एक ऐसा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बना रहा है, जहां एक भी टोल बूथ नहीं होगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि व्हीकल के ओनर को उतने ही रुपए देने होंगे जितना वह हाईवे पर चला है.
अब नंबर प्लेट की होगी स्कैनिंग
मौजूदा वक्त में हाईवे पर ट्रैवल करते समय पर गाड़ी में लगे फास्टैग से रुपये कटते हैं. लेकिन नई तकनीक लागू होने के बाद आपके गाड़ी के नंबर प्लेट को स्कैन किया जाएगा और रुपये फास्टैग से कटेगा. माना जा रहा है कि इसमें किलोमीटर के हिसाब से लोगों को पैसे देने होंगे. जानकारी के मुताबिक अभी टोल पर एक साथ पैसे लिए जाते थे. लेकिन नए सिस्टम में आप हाईवे पर जितनी गाड़ी चलाएंगे आपको उसी हिसाब से रुपये देने होंगे. इस सिस्टम में हाईवे पर एक एंट्री और एग्जिट पॉइंट बनाए जाएंगे. गाड़ी एंटर होते ही नंबर प्लेट स्कैन हो जाएगा. फिर एंट्री और एग्जिट की दूरी के हिसाब से पैसे यात्रियों के अकाउंट से कट जाएंगे.
राजस्थान से होगी शुरुआत
इसकी शुरुआत राजस्थान से हो रही है. राजस्थान में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे बन रहा है. जानकारी के मुताबिक राजस्थान में इसकी कुल लंबाई 637 किलोमीटर होगी. यह एक्सप्रेस वे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से होकर गुजेगा. इसकी लंबाई 1224 किलोमीटर की होगी. यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे पंजाब के अमृतसर से शुरू होकर गुजरात के जामनगर तक जाएगा. यह राजस्थान को इन दोनों शहरों से जोड़ेगा. इस एनएच से अरब सागर के बंदरगाह तक कनेक्टिविटी मिलेगी. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद राजस्थान को एक डेडिकेटेड एक्सप्रेस-वे मिलेगा. इस रास्ते पर मुसाफिरों को मोड़ कम मिलेगा.
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