Amitabh Kant Committee: लोग अपने लिए घर खरीदने के लिए जीवन की पूरी कमाई लगा देते हैं. इसी तरह नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी ऐसे तमाम लोग हैं जिन्होंने सालों पहले अपना सपनों का आशियाना बुक कराया था. लेकिन काफी समय गुजर जाने के बाद भी वे लोग अपने घर के पजेशन के लिए तरस गए. इन अटके हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए आवसीय और शहरी विकास मंत्रालय ने नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था, इस कमेटी ने अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं. उम्मीद है कि जल्द ही अपना गाढ़ा पैसा लगाने वालों का सपना पूरा हो जाएगा.


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जानकारी के मुताबिक कई सालों से रेजिडेंशियल या हाउसिंग प्रोजेक्ट में अटके फ्लैट का मामला सुलझाने के लिए अमिताभ कांत की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने पहले ही अपनी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है. अब यह रिपोर्ट केंद्रीय हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी को भी सौंप दी गई है. इसमें अथॉरिटी के बकाए प्रोजेक्ट में भी घर खरीदरों को उनके फ्लैट की रजिस्ट्री कराने का सुझाव दिया है. माना जा रहा है कि सरकार इस सुझाव पर जल्द अमल करेगी और फ्लैटों की रजिस्ट्री शुरू होने वाली है. ये कमेटी सरकार को इन अटके हाउसिंग प्रोजेकट्स को पूरा करने को लेकर अपने सिफारिशें और सुझाव सौंप चुकी है. 


दरअसल, हाल ही में कमेटी ने अपनी रिपोर्ट हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी को सौंपी है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस रिपोर्ट की सिफारिशें लागू होने से लाखों घर खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी और अटके हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने का रास्ता खुलेगा. उन्होंने कहा कि राज्यों को कमेटी की सिफारिशों पर प्रभावशाली तरीके से अमल करने की जरूरत है.


हुआ यह था कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों ऐसे होम बायर्स हैं जो बिल्डर के बकाए के चलते अपने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं, जबकि वह पूरा पैसा दे चुके हैं. अब केमेटी की ओर से मिले सुझाव के बाद इस बात पर मंथन हो रहा है कि बिल्डर के बकाए के बाद भी घर खरीदारों को जल्द ही मालिकाना हक दिया जाए. इसके लिए कमेटी ने कई सुझाव दिए हैं. कमेटी का मानना है कि बिल्डर के बकाए की सजा घर खरीदारों को ना दी जाए और घरों की रजिस्ट्री तुरंत शुरू की जाए. 


हालांकि इसके साथ ही यह बताया गया कि जिन बिल्डर के ऊपर बकाया है उन्हें वसूलने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं. बताया जा रहा है कि सिफारिशें लागू होने के बाद करीब एक लाख घर खरीदारों को राहत मिलेगी.