Supertech Twin Tower: सुपरटेक के अवैध ट्विन टॉवर (Twin Tower) को 28 अगस्त को जब गिराया जाएगा तो उसके आसपास एक विशेष क्षेत्र में ड्रोन उड़ान की अनुमति नहीं होगी. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस विशेष क्षेत्र के बाहर ड्रोन का उपयोग किया जा सकेगा, लेकिन इसके लिए भी पुलिस से अग्रिम अनुमति लेनी होगी.


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आसपास की 2 सोसायटी के लोगों को रहना होगा बाहर


नोएडा के सेक्टर 93ए में दिल्ली की ऐतिहासिक कुतुब मीनार (Qutab Minar) से ऊंचे करीब 100 मीटर के इन टॉवर को रविवार को दोपहर करीब ढाई बजे जमींदोज किया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार इस दौरान आसपास की दो सोसायटियों- एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के सभी निवासियों को बाहर रहना होगा. ट्विन टॉवर के आसपास एक विशेष क्षेत्र चिह्नित किया गया है जहां किसी व्यक्ति, वाहन या मवेशी को विध्वंस प्रक्रिया के दौरान नहीं रहने दिया जाएगा.


उड़ान होगी प्रतिबंधित


गौतमबुद्ध नगर के पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) रामबदन सिंह ने कहा, ‘ट्विन टॉवर के सामने की तरफ एक सड़क और पार्क से लगा 450 मीटर का क्षेत्र भी इस विशेष क्षेत्र में शामिल होगा. टॉवर के दूसरी तरफ 250 मीटर तक विशेष क्षेत्र होगा.’ उन्होंने कहा, ‘यह विशेष क्षेत्र ड्रोन के लिए ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ होगा. हालांकि, विशेष क्षेत्र के बाहर ड्रोन उड़ाए जा सकते हैं लेकिन इसके लिए स्थानीय पुलिस से अग्रिम अनुमति जरूरी होगी.’


अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं और दोनों टॉवर को गिराने के लिए करीब 3,700 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा सकता है.


कुछ ऐसी है फ्यूचर प्लानिंग


बता दें कि यह ब्लास्ट रविवार दोपहर 2:30 बजे होगा. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट (CBRI) 25 अगस्त से ट्विन टावर का अध्ययन करेगा. इस दौरान सीबीआरआई तैयारियों के अलावा अंतिम ब्लास्ट की पल पल की हलचल पर नजर रखेगा. दरअसल, देश में कई ऐसे पुराने शहर हैं जहां पर पुरानी बसावट को हटाकर नए तरीके से उसे विकसित करने का मंथन चल रहा है. इसके लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. यही वजह है कि ट्विन टावर जैसी ऊंची इमारत को गिराने की प्रक्रिया का अध्यन भविष्य के विकास के लिए काफी अहम साबित होगा.


सीबीआरआई की ओर से ड्रोन कैमरे, थर्मल सेंसर, आरजीवी कैमरे सहित कई उपकरण मौके पर लगाए जाएंगे. 25 अगस्त को सीबीआरआई काम शुरू कर देगा और 28 अगस्त तक पल पल को कैमरे में कैद कर हर प्वाइंट पर अध्यन किया जाएगा. एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी की ओर से ट्विन टावर का मॉडल बनाकर कंप्यूटर पर ट्रायल किया गया है और हर पहलू का अध्ययन किया जा रहा है. 25 अगस्त को भी एक मॉक ड्रिल होगी, ताकि हर तरीके से सिक्योरिटी और अन्य साधनों को चेक कर लिया जाए.


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