तिरुवनंतपुरम: कोरोना वायरस (Coronavirus) की महामारी (Epidemic) खत्म नहीं हुई कि केरल (Kerala) में नोरो वायरस (Norovirus) के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है. केरल के वायनाड में नोरो वायरस के 13 मरीज मिले हैं. इसको लेकर गाइडलाइंस जारी की गई हैं.


क्या है नोरो वायरस?


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नोरो वायरस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का कारण बनता है. इसमें पेट और आंतों में सूजन, गंभीर उल्टी और दस्त जैसे लक्षण शामिल हैं. नोरो वायरस स्वस्थ लोगों पर बहुत असर नहीं डालता है. लेकिन छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए ये खतरनाक हो सकता है.


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कैसे फैलता है नोरो वायरस?


जान लें कि नोरो वायरस संक्रमित शख्स के संपर्क में आने या संक्रमित स्थान को छूने से दूसरों तक पहुंचता है. बता दें कि ज्यादा दस्त या उल्टी से शरीर में पानी की कमी होने से परेशानी बढ़ सकती है.


नोरो वायरस से कैसे बचें?


जो लोग नोरो वायरस से संक्रमित हैं, उन्हें घर पर आराम करना चाहिए. ORS और उबला हुआ पानी पीते रहें. खाना खाने से पहले और शौच के बाद हाथ अच्छी तरह धोएं. जो लोग जानवरों के संपर्क में आते हैं, उन्हें विशेष ध्यान देने की जरूरत है.


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बता दें कि दो सप्ताह पहले वायनाड जिले के विथिरी के पास पुकोडे में एक पशु चिकित्सा कॉलेज के 13 छात्रों में दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलने वाली एक पशु जनित बीमारी नोरो वायरस की खबर मिली थी.


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