भुवनेश्वर: प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी मोहम्मद बजी का गुरुवार को 102 वर्ष की आयु में ओडिशा के नबरंगपुर जिले में निधन हो गया. अविवाहित बाजी ने अपने आवास में अंतिम सांस ली. नबरंगपुर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया.महात्मा गांधी से प्रेरित होकर बाजी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था और उन्हें ब्रिटिश सरकार विरोधी गतिविधियों के लिए कई बार गिरफ्तार किया गया था. उनके करीबियों का कहना है कि 28 जनवरी 1917 को जन्मे बाजी ने 1931 में अपनी स्कूली शिक्षा बीच में छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्वतंत्रता सेनानी मोहम्मद बाजी के निधन पर शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के एक बहादुर सेनानी थे और उन्हें महात्मा गांधी के साथ बेहद नजदीक से कार्य करने का मौका मिला.


मुख्यमंत्री ने कहा, "गांधी की विचारधारा से प्रेरित होकर, उन्होंने अपना पूरा जीवन साधारण तरीके से व्यतीत किया और खुद को नबरंगपुर के बीजापुर स्थित गांधी आश्रम में मानव जाति की सेवा में समर्पित कर दिया."