subhadra yojana scheme: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी अपने राज्य में महिलाओं के लिए एक योजना शुरू कर रखी है. जिसका नाम है सुभद्रा योजना. ओडिशा राज्य में महिलाओं के हालात बेहतर करने के लिए सीएम माझी ने रविवार को 20 लाख महिलाओं को पहली किस्त के तौर पर 5,000 रुपए भेजे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को इस योजना की शुरुआत की थी. अब तक 80 लाख महिलाओं को कई चरणों में योजना की पहली किस्त के रूप में 5,000 रुपये मिल चुके हैं.


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इस योजना का तीसरा चरण
इस योजना का अब तीसरा चरण राज्य में चल रहा है. जिसकी शुरुआत माझी ने सुंदरगढ़ जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में की. बैठक में केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम, उपमुख्यमंत्री प्रावती परिदा और पंचायती राज मंत्री रबी नारायण नाइक समेत अन्य लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए. धन वितरण की शुरुआत करते हुए माझी ने समारोह में मौजूद महिलाओं से कहा कि वे अपने बैंक खातों में पैसे जमा होने के अलर्ट के लिए अपने मोबाइल फोन की जांच करें. जैसे ही मोबाइल फोन में पैसा जमा होने का मैसेज आया, दर्शकों ने तालियां बजाकर खुशी मनाई.


जानें क्या है 'सुभद्रा योजना'?
'सुभद्रा योजना' ओडिशा सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना को महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस योजना के तहत राज्य की पात्र महिलाओं को प्रति वर्ष ₹10,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जो दो किस्तों में ₹5,000-₹5,000 के रूप में सीधे उनके बैंक खातों में दी जाएगी.


1 करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ पहुंचाने का है लक्ष्य
इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में ओडिशा सरकार की प्रमुख योजना सुभद्रा का उद्घाटन किया था. जानकारी के अनुसार, यह राज्य की सबसे बड़ी महिला-केंद्रित योजना है, जिसका लक्ष्य एक करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभ पहुंचाना है. इस योजना के तहत प्रधानमंत्री ने 10 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में धनराशि भेजकर इस योजना की शुरुआत की थी.


किसको मिलेगी यह सुविधा
सुभद्रा योजना के लिए आवेदन करने के लिए, आवेदकों को निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा:


निवास: ओडिशा का स्थायी निवासी होना चाहिए.


लिंग: केवल महिला आवेदक ही पात्र हैं.


आयु: 1 जुलाई, 2024 तक 21 से 60 वर्ष के बीच.


रोजगार की स्थिति: किसी भी सरकारी क्षेत्र में कार्यरत नहीं.


आय सीमा: परिवार की आय 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष या उससे कम होनी चाहिए.


घरेलू सीमा: प्रति परिवार केवल एक महिला ही योजना का लाभ उठा सकती है.


विशेष मामले: आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ता शामिल हैं, लेकिन अगर उनका जीवनसाथी सरकारी कर्मचारी है, तो वे अपात्र हैं.