सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर अफसर की बदली जिंदगी, अब करेंगी शादी
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर सरकारी अफसर ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान ने घोषणा की है कि वह अब शादी करने जा रही हैं. उनका कहना है कि इस फैसले के बाद वह आजाद महसूस कर रही हैं.
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने धारा 377 के अंतर्गत अब समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है. इसका सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिलने जा रहा है कि इस वजह से अब तक अपराधियों की तरह रह रहे थे. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर सरकारी अफसर ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान ने घोषणा की है कि वह अब शादी करने जा रही हैं. उनका कहना है कि इस फैसले के बाद वह आजाद महसूस कर रही हैं.
34 वर्षीय ऐश्वर्या ओडिशा फाइनेंस सर्विस में अधिकारी हैं. वह उस समय चर्चा में आई थीं, जब वह ओडिशा की पहली ट्रांसजेंडर अधिकारी बनीं थीं. 2014 में जब सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड जेंडर को बाकायदा पहचान दी, तब उन्होंने अपने आपको पुरुष से थर्ड जेंडर के रूप में दिखाया. इसके बाद ओडिशा सरकार ने बाकायदा नोटिफिकेशन जारी कर उनकी पहचान को मान्यता दी.
ऐश्वर्या का कहना है कि मेरे जीवन में कुछ भी छिपा नहीं है. मैं अपने पार्टनर के साथ दो साल से लिव इन में रह रही हूं. अब हम जल्द शादी करने जा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर कानून ने इजाजत दी तो वह एक बच्चा भी गोद लेना चाहेंगीं.
संघर्षो से भरा रहा ऐश्वर्या का जीवन
थर्ड जेंडर से होने के कारण ऐश्वर्या का जीवन संघर्ष से भरा रहा है. उनका कहना है कि जब मैं पढ़ती थी, तो मुझ पर मेरे साथी ही भद्दे मजाक बनाते थे. कॉलेज के दिनों में मेरे साथी मेरे कपड़े उतार देते थे ताकि वह मेरी जेंडर आइडेंटिटी जान सकें. यूनिवर्सिटी में भी ये सिलसिला रुका नहीं. वहां तो मुझे शारीरिक यातनाओं को भी झेलना पड़ा, लेकिन मैंने इन सबके बावजूद अपनी पढ़ाई को बीच में नहीं छोड़ा.
ऐश्वर्या ने ओडिशा के धेनकनाल से जर्नलिज्म की डिगी ली. लेकिन उन्होंने जर्नलिज्म को करियर के तौर पर नहीं लिया. 2010 में उन्होंने ओडिशा सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन पास कर लिया. 2016 से उनकी दोस्ती एक ऐसे शख्स से हुई, जो खुद का अपना बिजनेस करते हैं. अब एश्वर्या का कहना है कि अब तक हमारा रिश्ता पर्दे के पीछे था. क्योंकि अब तक कानून के हिसाब से ये अपराध की श्रेणी में था. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है तो अब हमें आजादी मिल गई है. अब मैं गर्व से कह सकती हूं कि मैं अपना परिवार अगले साल से शुरू कर सकती हूं.