Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में हुए भयानक ट्रेन हादसे के जख्म लोगों के जहन में आज भी ताजा हैं. हादसे के बारे में सोचकर आज भी लोगों की रूप कांप जाती है. सुरक्षा की तमाम तकनीकों के बाद हुए इस भीषण हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. अभी तक इस हादसे के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया था. हादसे के एक महीने बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने हादसे पर रिपोर्ट सौंपी है. इस रिपोर्ट में हादसे को लेकर 'मानवीय गलती' को जिम्मेदार ठहराया गया है.


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रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने इस रिपोर्ट में किसी भी तकनीकी खराबी की बातों से इनकार किया है. याद दिला दें कि भीषण ट्रेन हादसे में 293 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी. ट्रेन हादसे में 1,000 से अधिक लोग जख्मी भी हुए थे. हादसे के बाद इसकी जांच सीबीआई को भी सौंपा गई है. सीबीआई इस हादसे में आपराधिक साजिश की किसी भी संभावना के एंगल को खंगाल रहा है.


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हादसे की जांच में कुछ अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई है. कहा जा रहा है कि इन अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान पर्याप्त सुरक्षा प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया था. खासकर तीन साल पहले जब सुरक्षा चिंताओं के कारण डिजाइन में बदलाव किए गए थे उसके बाद उन्होंने समुचित जांच नहीं की थी. 


हादसे से जुड़ी शनिवार को आई रिपोर्ट में कहा गया था कि दुर्घटना में मारे गए 13 और यात्रियों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए. इन शवों को एम्स भुवनेश्वर में रखा गया था. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि डीएनए जांच की मदद से जिन 29 शवों की शिनाख्त की गई थी, उनमें से छह शव शुक्रवार को और 13 शव शनिवार को परिजनों को सौंप दिए गए.


अधिकारी के मुताबिक, “डीएनए जांच के नतीजों के आधार पर और एम्स भुवनेश्वर, भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) तथा राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के समन्वय के जरिये बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में मारे गए 13 और यात्रियों के शव शनिवार को उनके परिजनों को सौंप दिए गए.”


अधिकारी के अनुसार, इन 13 शवों में से चार शव को बिहार, आठ शव को पश्चिम बंगाल और एक को झारखंड भेजा गया. उन्होंने बताया कि रेलवे की घोषणा के अनुसार, मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया गया है. अधिकारी ने बताया कि एम्स भुवनेश्वर में रखे गए 62 शवों की अभी भी शिनाख्त नहीं हो सकी है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)