Oath Taking Rule: पिछले दिनों संसद में जब नए सांसद शपथ लेने पहुंचे तो उनकी शपथ का तरीका चर्चा में रहा. कुछ सांसदों ने ऐसे नारे भी लगाए कि बवाल हो गया. अब इन सबके बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पेंच कस दिया है. उन्होंने शपथ के नियम 389 में संशोधन किया है. अब इसके मुताबिक निर्वाचित सांसद सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेते समय कोई भी अतिरिक्त टिप्पणी नहीं कर सकते.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नियम में क्या बदलाव कर दिया
असल में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के कामकाज से संबंधित कुछ मामलों को विनियमित करने के लिए 'अध्यक्ष के निर्देशों' में 'निर्देश-1' में एक नया खंड जोड़ा है, जो नियमों का हिस्सा नहीं था. 'निर्देश-1' में संशोधन के अनुसार, नया खंड-तीन अब यह कहता है कि एक सदस्य शपथ या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा और "शपथ के रूप में उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में किसी भी शब्द का उपयोग या अभिव्यक्ति नहीं करेगा अथवा कोई टिप्पणी नहीं करेगा.


नियम के संशोधन क्या होगा
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बदलाव के साथ ही अब कोई भी सदस्य अपने मन से शपथ के दौरान कुछ भी अतिरिक्त शब्द या फिर कोई भी नारे न नहीं लगा सकता है. यह संशोधन पिछले सप्ताह शपथ लेते समय कई सदस्यों द्वारा "जय संविधान" और "जय हिंदू राष्ट्र" जैसे नारे लगाने की पृष्ठभूमि में आया है. 


हुआ यह था शपथ के दौरान एक सदस्य ने 'जय फलस्तीन' जबकि एक ने जय हिंदू राष्ट्र का नारा भी लगाया था, जिस पर भी कई सदस्यों ने आपत्ति जताई थी. लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से शपथ लेते समय निर्धारित प्रारूप पर कायम रहने का आग्रह किया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने आरोप लगाया था कि कई सदस्यों ने शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने के महत्वपूर्ण अवसर का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश भेजने के लिए किया.