Jammu Kashmir chunav: नेशनल कांफ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्ला एक बार फिर आतंक और आतंकियों की मानों हिमायत करने लगे हैं. 2001 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु पर बोलते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर उनका बस चलता तो अफजल गुरु को फांसी नहीं होने देते। इससे पहले उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारुख अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से बातचीत करने की नसीहत भी दी थी...ऐसे ही बयानों को लेकर कहा जा रहा है कि उमर अब्दुल्ला का आतंकियों और पाकिस्तान और आतंकियों से ये प्रेम...असल में चुनाव हारने का डर है.


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सरजान बरकाती ने गांदरबल सीट से नामांकन भर उमर अब्दुल्ला को चैलेंज किया है...ये पहली बार है जब सरजान बरकाती किसी चुनाव में उतर रहा है...तो फिर फर्स्ट टाइम कैंडिडेट से उमर अब्दुल्ला क्यों डरे हुए हैं...इसकी दो वजह हैं...पहली है सरजन बरकती की छवि और दूसरी है  पिछले लोकसभा चुनाव


लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला बारामूला सीट पर उतरे थे...उनके सामने खड़ा था इंजीनियर रशीद...आतंकवादियों की मदद के आरोप में इंजीनियर रशीद तिहाड़ जेल में बंद है...और जेल से ही रशीद ने उमर अब्दुल्ला को चुनाव हरा दिया था


अब्दुल्ला परिवार का सदस्य लोकसभा चुनाव हार जाए...ये पार्टी के साथ ही साथ उमर अब्दुल्ला के पॉलिटिकल करियर के लिए भी खतरा है...अब विधानसभा चुनाव में उतरे हैं तो सामने है सरजान बरकती...जिसकी छवि इंजीनियर रशीद जैसी ही है



सरजान बरकती एक अलगाववादी है...आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद बरकती ने लोगों को हिंसा के लिए भड़काया था...जिसके बाद बरकती को गिरफ्तार किया गया था...



यही है उमर अब्दुल्ला का डर...कही राशिद इंजीनियर की तरह सरजान बरकती भी अलगाववाद के एजेंडा पर ज्यादा वोट ना ले जाए....शायद इसी वजह से उमर अब्दुल्ला ने गांदरबल के साथ ही साथ बडगाम से भी पर्चा भरा है...दो सीटों से चुनाव लड़ने पर महबूबा मुफ्ती ने भी अब्दुल्ला परिवार की नीयत पर शक जाहिर किया है


लोकसभा चुनाव में हार ने उमर अब्दुल्ला को ऐसा झटका दिया कि अब वो वोट मांगने के लिए अपनी टोपी तक उतारकर वोट मांगने लगे हैं...इमोशनल बातें कर रहे हैं...मकसद सिर्फ एक है...जैसे तैसे चुनाव जीत जाएं


ब्यूरो रिपोर्ट, ज़ी मीडिया