Jammu Kashmir Chunav: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में उनकी राजनीतिक उम्मीदवारी को कमज़ोर करने के लिए अभियान चलाने का आरोप लगाया है. अब्दुल्ला का कहना है कि सत्तारूढ़ पार्टी उनकी आवाज़ दबाने के व्यापक प्रयास के तहत उनके खिलाफ़ जेल में बंद एक अलगवादी उम्मीदवार को रणनीतिक रूप से खड़ा कर रही है.


'मैंने कभी नहीं सोचा था कि वे'...'


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असल में गंदेरबल में कई चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए, जहाँ वे चुनाव लड़ रहे हैं, अब्दुल्ला ने बारामुल्ला में अपने पिछले चुनावी अनुभव को याद किया, जहाँ वे शेख अब्दुल राशिद से हार गए थे, जिन्होंने एक भावनात्मक ऑडियो क्लिप का उपयोग करके जेल से प्रचार किया था. उन्होंने कहा मुझे हमेशा संदेह था कि दिल्ली मुझे चुप कराने की कोशिश करेगी, लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि वे इस हद तक जाएँगे.


विधानसभा चुनावों के बाद करते अब्दुल्ला ने एक अन्य उम्मीदवार, सरजन अहमद वागे, जिन्हें बरकती के नाम से भी जाना जाता है, के उभरने पर अविश्वास व्यक्त किया, जो वर्तमान में जेल में हैं. उन्होंने कहा, "जब मैंने गंदेरबल से चुनाव लड़ने का फैसला किया, तो ऐसी खबरें सामने आईं कि यह व्यक्ति मेरे खिलाफ खड़ा होगा. इससे मुझे संदेह हुआ कि क्या यह महज संयोग था या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था." 


आवाज को दबाने के लिए प्रयास


उमर ने कहा कि वह बारामुल्ला में स्थानीय उम्मीदवार द्वारा उन्हें चुनौती दिए जाने को समझ सकते हैं, लेकिन शोपियां से आने वाले उम्मीदवार ने उन्हें संदेहास्पद बना दिया. उन्होंने कहा, "उन्हें स्थानीय को जेल में बंद उम्मीदवार नहीं मिल पाया और उन्होंने दूसरे जिले से किसी जेल में बांध प्रत्याशी को लिया. उन्होंने कहा कि उनके अभियान को बाधित करने और उनकी आवाज को दबाने के लिए योजनाबद्ध प्रयास किया जा रहे है. 


उमर ने खुलासा किया कि इसके बाद उन्होंने अपनी टीम के साथ विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से नामांकन पत्र एकत्र किए, बिना दाखिल करने के स्थानों का खुलासा किए और अंतिम दिन नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. "कल की घटनाओं ने मेरे संदेह को पुख्ता कर दिया. यह स्पष्ट था कि यह महज संयोग नहीं था, जब जेल में बंद इस व्यक्ति ने गंदेरबल में नामांकन दाखिल किया और फिर बीरवाह से नामांकन पत्र लिया, यह सोचकर कि मैं वहां से चुनाव लड़ूंगा, क्योंकि मैंने पहले भी वहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन जब हमने बडगाम से नामांकन पत्र दाखिल किया, तो वे हैरान रह गए." 


सिर्फ मुझ पर हमला नहीं


जूनियर अब्दुल्ला ने कहा, "ये हथकंडे भाजपा द्वारा जम्मू-कश्मीर से मेरी आवाज दबाने के व्यापक एजेंडे को दर्शाते हैं." "यह सिर्फ मुझ पर हमला नहीं है; यह उन लोगों की आवाज दबाने का प्रयास है, जिनका मैं प्रतिनिधित्व करता हूं. जब मैं अपने अधिकारों और सम्मान के लिए बात करता हूं, तो यह मेरे लोगों के लिए होता है, मेरे घर के लिए नहीं." 


अब्दुल्ला ने भरोसा जताया कि गंदेरबल के लोग भाजपा के बड़े खेल को समझेंगे और उन्हें उनकी योजनाओं में सफल नहीं होने देंगे. उमर ने कहा, "भाजपा एक बार अपनी साजिशों में सफल हो गई होगी, लेकिन मुझे भरोसा है कि इस बार लोग उनकी योजनाओं को समझेंगे."